ऑनलाइन हेल्थ काउंसलिंग

ऑनलाइन हेल्थ काउंसलिंग मुख्य हेडिंग : कहीं आपके बच्चे को आॅटिज्म तो नहीं!रांची. रविवार को प्रभात खबर कार्यालय में ऑनलाइन हेल्थ काउंसलिंग का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के दौरान ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट डॉ निति क्षेत्री ने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास से जुड़ी समस्याओं पर पाठकों के सवालों के जवाब दिये. बच्चों के विकास से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 15, 2015 8:51 PM

ऑनलाइन हेल्थ काउंसलिंग मुख्य हेडिंग : कहीं आपके बच्चे को आॅटिज्म तो नहीं!रांची. रविवार को प्रभात खबर कार्यालय में ऑनलाइन हेल्थ काउंसलिंग का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के दौरान ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट डॉ निति क्षेत्री ने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास से जुड़ी समस्याओं पर पाठकों के सवालों के जवाब दिये. बच्चों के विकास से संबंधित समस्या सेरेब्रल पॉल्सी पर उन्होंने कहा कि अमूमन बच्चे तीन से चार माह के दौरान गरदन संभालने, पांच से छह माह के मध्य करवट बदलने, आठ से नौ माह तक बैठने, साल भर में खड़ा होने लगते हैं. यदि इस दौरान किसी बच्चे में ऐसा व्यवहार देखने को नहीं मिल रहा है, तो एक बार उसे ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट से जरूर दिखलवा लेना चाहिए. ऐसा भी देखने को मिलता है कि कोई बच्चा सामाजिक रूप से घुल-मिल नहीं पा रहा है. उसके साथ संवाद स्थापित करने में समस्या आ रही है. बच्चे को कुछ कहने पर या इशारा करने पर वह अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं देता है. किसी काम के मना करने के बावजूद उसकी पुनरावृत्ति करता है, उसका नाम पुकारे जाने पर उस संबोधन को वह समझ नहीं पाता है, अपनी बात नहीं बता पाने की स्थिति में खुद को काटता या बालों को नोचता है तो ऐसी स्थिति में बच्चे ऑटिज्म नामक विकास संबंधी समस्या का शिकार हो सकते हैं. ऐसी अवस्था में ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट से सलाह अवश्य लेना चाहिए. ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट का काम ऐसे बच्चों को उनके रोजमर्रा की जिंदगी को स्वतंत्र रूप से सक्षम बनाने का है. डॉक्टर से मिलने का पता व समयडॉ निति क्षेत्री, ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट, रानी हॉस्पिटल, 12:30 से 4 बजे तक, दूरभाष : 0651-3197000

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