छह बाल कैदियों के भागने मामले में डीजीपी ने मांगी रिपोर्ट
छह बाल कैदियों के भागने मामले में डीजीपी ने मांगी रिपोर्ट बाल सुधार गृह से भागने वाले एक बाल कैदी पर नक्सली सहित 12 मामले थे दर्ज एक बाल कैदी के खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत दर्ज थी प्राथमिकी रांची. डुमरदगा स्थित बाल सुधार गृह से छह बाल कैदियों के भागने मामले में डीजीपी डीके […]
छह बाल कैदियों के भागने मामले में डीजीपी ने मांगी रिपोर्ट बाल सुधार गृह से भागने वाले एक बाल कैदी पर नक्सली सहित 12 मामले थे दर्ज एक बाल कैदी के खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत दर्ज थी प्राथमिकी रांची. डुमरदगा स्थित बाल सुधार गृह से छह बाल कैदियों के भागने मामले में डीजीपी डीके पांडेय ने जांच कर रांची पुलिस से रिपोर्ट मांगी है. जांच की जिम्मेवारी एसएसपी ने सदर थाना की पुलिस को सौंपी है. बाल कैदी कैसे भागे. बाल सुधार गृह में सुरक्षा में कहां चूक होती है. किसकी लापरवाही से बाल कैदी भागे. पुलिस ने इस बिंदु पर जांच शुरू कर दी है. उल्लेखनीय है कि गत 26 और 27 सितंबर को बाल सुधार गृह से छह बाल कैदी फरार हो गये थे. सभी चादर के सहारे दीवार फांदकर भागे थे. भागने वाले में दो खूंटी के, दो लातेहार के, जबिक दो रांची के जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के रहनेवाले हैं. भागने वाले एक कैदी पर नक्सली सहित 12 मामले दर्ज थे, जबकि एक दूसरे कैदी पर पोक्सो एक्ट के अंतर्गत केस दर्ज था. बाल सुधार गृह में रात्रि ड्यूटी में तैनात राम बिहारी राम को जब इस बात की सूचना मिली, तब उसने मामले की जानकारी बाल सुधार गृह के अधिकारियों को दी. इसके बाद सूचना पुलिस को दी गयी. सुरक्षा पर उठे थे सवाल – 26 सितंबर को पहले एक बाल कैदी भागा था, इसके बावजूद सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया गया – इस वजह से 27 को फिर से पांच बाल कैदी चादर के सहारे दीवार फांद कर भागे निकले- रात में बाल कैदियों की सुरक्षा पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है, इस वजह से ऐसा होता है. तीन बाल कैदी लौटे 28 सितंबर को डुमरदगा स्थित बाल सुधार गृह से भागे छह बाल कैद में से तीन बाल कैदी वापस 28 सितंबर को लौट आये थे. तीनों ने आरंभिक पूछताछ में बताया कि उन्हें बाल सुधार गृह में रहने का मन नहीं कर रहा था. इसलिए वे चादर के सहारे दीवार फांद कर भाग गये थे. भागने के बाद जब वे घर पहुंचे, तब परिजनों और अन्य लोगों ने उन्हें समझाया कि ऐसा नहीं करना चाहिए था. इसलिए वे वापस लाैट आये.