अनुसूचित जनजाति के विकास के लिए 98 करोड़ से अधिक खर्च होगा

अनुसूचित जनजाति के विकास के लिए 98 करोड़ से अधिक खर्च होगाकेंद्र ने दिया एक अरब का अनुदानवरीय संवाददाता, रांचीझारखंड में अनुसूचित जनजाति के विकास को लेकर 98 करोड़ से अधिक की राशि खर्च की जायेगी. केंद्र सरकार ने झारखंड को संविधान की धारा 275(1) के तहत एक अरब रुपये का अनुदान दिया है. केंद्र […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 19, 2015 8:35 PM

अनुसूचित जनजाति के विकास के लिए 98 करोड़ से अधिक खर्च होगाकेंद्र ने दिया एक अरब का अनुदानवरीय संवाददाता, रांचीझारखंड में अनुसूचित जनजाति के विकास को लेकर 98 करोड़ से अधिक की राशि खर्च की जायेगी. केंद्र सरकार ने झारखंड को संविधान की धारा 275(1) के तहत एक अरब रुपये का अनुदान दिया है. केंद्र से दो किश्तों में यह राशि झारखंड को दी गयी है. केंद्र सरकार ने 2011-12 की अधूरी पड़ी योजना को पूरा करने के लिए 37 करोड़ से अधिक की राशि दी है. यह कहा गया है कि राज्य सरकार अनुसूचित जनजाति के छात्रावासों के निर्माण में तेजी लाये. 2011-12 की योजनाओं में 27 अधूरे पड़े छात्रावासों को बनाने के लिए अतिरिक्त सहायता के रूप में 13.10 करोड़ रुपये दी गयी है. चार वर्षों में इसका निर्माण कार्य पूरा नहीं किया जा सका है. राजधानी रांची के करमटोली स्थित आदिवासी छात्रावास में तीन सौ शैय्या का हॉस्टल बनाने के लिए भी एक करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है. केद्र की तरफ से सरायकेला खरसांवा और जमशेदपुर में जनरल नर्सिंग स्कूल के निर्माण के लिए 10 करोड़ रुपये दिये गये हैं. इसके अतिरिक्त लोहरदगा और गोड्डा में एकलव्य मॉडल स्कूल के लिए 13.25 करोड़ रुपये दिये गये हैं. समेकित जनजातीय विकास प्राधिकरण के तहत अस्पतालों के निर्माण के लिए भी 10 करोड़ रुपये दिये गये हैं. 20 प्रशिक्षण हाल और सामुदायिक केंद्र बनाने के लिए 35-35 लाख की सहायता राशि दी गयी है. सभी विश्वविद्यालयों में अनुसूचित जनजाति संवर्ग की युवतियों के लिए 100-100 बेड का हॉस्टल बनाने के लिए 4.42 करोड़ रुपये दिये गये हैं. सौर ऊर्जा आधारित टेयूबवेल स्थापित करने के लिए अनुसूचित जाति और आदिम जनजाति के 96 हास्टलों के लिए भी केंद्र ने पैसे दिये हैं.

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