मुख्य सचिव ने भेजा प्रस्ताव सीएम की मंजूरी का इंतजार, अफसरों की गाड़ी से हट सकती है वीआइपी बत्ती
रांची: झारखंड में अफसरों की गाड़ियों से वीआइपी बत्ती हटायी जा सकती है. उन्हें मिली हाेमगार्ड के जवानाें की सेवा भी वापस हाे सकती है. मुख्य सचिव ने इस पर सहमति के लिए मुख्यमंत्री के पास प्रस्ताव भेजा है. सीएम की मंजूरी के बाद परिवहन विभाग अफसराें की गाड़ी से वीआइपी बत्ती हटाने का आदेश […]
रांची: झारखंड में अफसरों की गाड़ियों से वीआइपी बत्ती हटायी जा सकती है. उन्हें मिली हाेमगार्ड के जवानाें की सेवा भी वापस हाे सकती है. मुख्य सचिव ने इस पर सहमति के लिए मुख्यमंत्री के पास प्रस्ताव भेजा है. सीएम की मंजूरी के बाद परिवहन विभाग अफसराें की गाड़ी से वीआइपी बत्ती हटाने का आदेश जारी करेगा. सुप्रीम काेर्ट के आदेश पर राज्य सरकार ने वीआइपी बत्ती लगाने के याेग्य अधिकारियाें की सूची जारी की थी.
इनमें आइएएस, आइपीएस और आइएफएस अफसर शामिल हैं. सूचना है कि परिवहन विभाग के नये प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री की स्वीकृति के बाद जिलों के उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को भी गाड़ी में वीआइपी बत्ती लगाने का अधिकार नहीं होगा. फिलहाल, परिवहन विभाग द्वारा जारी किये गये आदेश में झारखंड में महत्वपूर्ण पदों पर पदस्थापित अधिकारियों के अलावा वरीय अधिकारियों को पीली बत्तियां लगाने का अधिकार है.
पांच -एक के जवान की सेवा भी मिली है : मुख्य सचिव द्वारा मुख्यमंत्री के समक्ष रखे गये प्रस्ताव में अफसरों को सौंपी गयी होमगार्ड के जवानों की सेवा वापस करने की भी बात कही गयी है. वर्तमान में लगभग सभी वरीय अधिकारियों को होमगार्ड के कम से कम एक हवलदार और पांच जवानों की सेवा दी गयी है. इन जवानों की तैनाती हाउस गार्ड के रूप में की गयी है. पर सूचना है कि होमगार्ड के इन जवानों से घरेलू कार्य भी कराये जाते हैं. इसे लेकर कई बार जवानों ने सरकार के समक्ष अपना विरोध भी दर्ज कराया है.
अभी क्या है नियम
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में राज्य सरकार ने अफसराें के लिए वीआइपी लाइट लगाने का नियम बनाया था. साथ ही एक सूची जारी की थी, जिसमें उन पदों का उल्लेख था जिन पदों पर पदस्थापित अधिकारी अपनी गाड़ी में वीआइपी लाइट का इस्तेमाल कर सकते हैं. राज्य में फिलहाल, उसी सूची के अनुरूप अधिकारियों द्वारा सरकारी वाहनों में वीआइपी लाइट का प्रयोग किया जा रहा है.
अफसरों की गाड़ियों में वीआइपी लाइट का इस्तेमाल रोकने से संबंधित प्रस्ताव मुख्यमंत्री के विचाराधीन है. अफसरों की सुरक्षा के लिए तैनात किये गये होमगार्ड के जवानों की सेवा लौटाने पर भी विचार किया जा रहा है. अभी इस पर अंतिम फैसला नहीं लिया गया है.
संजय कुमार
मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव