फैमिली प्लानिंग के कारणों पर हुई चर्चा
फैमिली प्लानिंग के कारणों पर हुई चर्चारांची. वैश्विक स्थायी विकास लक्ष्य के लिए भारत समेत अन्य देशों की सरकारों ने 70वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा में कई आदेश पारित किये हैं. झारखंड में प्रजनन, यौन स्वास्थ्य अौर अधिकार के कार्य को आगे बढ़ाने में इन आदेशों से महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है. फैमिली प्लानिंग एसोसिएशन अॉफ […]
फैमिली प्लानिंग के कारणों पर हुई चर्चारांची. वैश्विक स्थायी विकास लक्ष्य के लिए भारत समेत अन्य देशों की सरकारों ने 70वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा में कई आदेश पारित किये हैं. झारखंड में प्रजनन, यौन स्वास्थ्य अौर अधिकार के कार्य को आगे बढ़ाने में इन आदेशों से महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है. फैमिली प्लानिंग एसोसिएशन अॉफ इंडिया, आइपीपीएफ अौर सीएनएस के संयुक्त तत्वावधान में रांची में शुक्रवार को आयोजित कार्यशाला में इस बात पर जोर दिया गया कि वैश्विक स्थायी विकास लक्ष्य 2030 तीन स्तंभों के संतुलन पर आधारित है-आर्थिक, सामाजिक अौर पर्यावरण. इनमें प्रजनन, यौन स्वास्थ्य एवं अधिकार निहित है. गरीबी अौर भुखमरी के खात्मे और स्वास्थ्य स्तर में सुधार के लिए किशोरी अौर महिलाएं गुणात्मक शिक्षा प्राप्त करें. कार्यशाला में यह बात उभर कर आयी कि लिंग जनित समानता स्थापित हो. महिलाएं अौर किशोरी सशक्त हों. इन सबके लिए यह जरूरी है कि 2030 के वैश्विक स्थायी विकास लक्ष्य को हम व्यापक रूप से देखें अौर लिंग जनित असमानता की चुनौती को नदरअंदाज न करें. इस बात पर भी जोर दिया गया कि पुरुषों को पूर्णकालिक अौर उपयुक्त रोजगार मिले. इसमें युवा वर्ग अौर शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को भी शामिल किया जाना चाहिए. कार्यशाला में राहुल रजक, डॉ राजश्री वर्मा, प्रवीर पीटर व राहुल द्विवेदी ने भी विचार रखे.