राणा प्रताप, रांची. राज्य में नवनियुक्त जूनियर इंजीनियरों की परेशानी खत्म नहीं हो रही है. पथ निर्माण विभाग ने 428 जूनियर इंजीनियरों का योगदान लेकर पोस्टिंग नहीं की है, जबकि नगर विकास ने अब तक 188 जूनियर इंजीनियरों का योगदान भी नहीं लिया है. 616 नवनियुक्त जूनियर इंजीनियर अपनी पोस्टिंग व योगदान के लिए कार्यालयों का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है.
ज्ञात हो कि राज्य सरकार ने जेएसएससी की ओर से अनुशंसित 1256 जूनियर इंजीनियरों (कनीय अभियंता) की नियुक्ति विभिन्न विभागों में की है. अनुशंसित अभ्यर्थियों को मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने भव्य समारोह में सात मार्च 2024 को नियुक्ति पत्र दिया था. जल संसाधन विभाग ने 362 और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने 136 नवनियुक्त कनीय अभियंताओं का योगदान लेकर उनकी पदस्थापना कर दी है, लेकिन पथ निर्माण विभाग व नगर विकास विभाग में नियुक्त किये गये कनीय अभियंता परेशान हैं.आचार संहिता खत्म होने पर भी योगदान नहीं कराया
नगर विकास विभाग ने नवनियुक्त 188 जूनियर इंजीनियरों का चुनाव आचार संहिता के नाम पर योगदान नहीं लिया. अब आचार संहिता समाप्त हो गयी है, लेकिन तब भी योगदान नहीं कराया गया है. अब तक उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है और योगदान स्वीकार नहीं किया जा रहा है.
बाबूलाल मरांडी ने विभागों की कार्यशैली पर उठाया सवाल
पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने इस मामले पर नाराजगी जतायी है. उन्होंने एक्स पर ट्वीट किया है. उन्होंने विभागों की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि जूनियर इंजीनियरों की नियुक्ति का सरकार ने काफी ढिंढोरा पीटा था. नियुक्ति पत्र देने के बाद कुछ विभागों ने उनकी पोस्टिंग अब तक क्यों नहीं की है. कई अभ्यर्थी दूसरी नौकरी त्याग कर जूनियर इंजीनियर नियुक्त हुए हैं और उन्हें वेतन भी नहीं दिया गया है. श्री मरांडी ने कहा कि राज्य सरकार अविलंब इनकी समस्या का समाधान करे.
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