Ranchi News : 70 माह में 6165 साइबर अपराध, 4848 गिरफ्तार, 2.43 करोड़ बरामद

वर्ष 2024 में अक्तूबर तक साइबर अपराध से जुड़े कुल लंबित मामलों की संख्या 3968 पहुंची

By Prabhat Khabar News Desk | December 30, 2024 12:22 AM

रांची. झारखंड में वर्ष 2019 से अक्तूबर 2024 तक 70 माह में 6165 साइबर अपराध के केस विभिन्न जिलों व सीआइडी के साइबर थाना में दर्ज किये गये हैं. वहीं साइबर अपराध में शामिल 4848 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा गया है. जबकि साइबर अपराधियों के ठिकानों से दो करोड़ 43 लाख 41 हजार रुपये बरामद किये गये हैं. पुलिस के आंकड़ों पर गौर करें, तो वर्ष 2019 में 1385, 2020 में 1240, 2021 में 1050, 2022 में 901, 2023 में 893 और 2024 में अक्तूबर तक 696 मामले दर्ज किये गये हैं. यानी साइबर अपराध से जुड़े मामलों में कमी देखी जा रही है. वहीं सबसे ज्यादा वर्ष 2020 में 1240 और 2021 में 1050 साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी हुई है. वहीं पैसे की सर्वाधिक बरामदगी वर्ष 2020 में 9386670 व 2021 में 6452645 रुपये की बरामदगी हुई है. राज्य में साइबर अपराध से जुड़े मामलों की बात करें, तो अक्तूबर 2024 तक कुल लंबित मामलों की संख्या 3968 थी. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार वर्ष 2020 में साइबर अपराध की घटना के कारण पूरे देश में झारखंड 11वें स्थान पर था. लेकिन साइबर से जुड़े मामलों में लगातार कार्रवाई से 2022 में स्थिति में सुधार हुआ. इस वजह से एक पायदान नीचे फिसल कर झारखंड 12 वें स्थान पर पहुंच गया था. इसके बाद से साइबर अपराध में कमी आ रही है. वर्ष 2019 से अक्तूबर 2024 तक हुई बरामदगी : वर्ष 2019 से अक्तूबर 2024 तक पूरे राज्य में 8878 मोबाइल, 13239 सिम, 3710 एटीएम कार्ड, 1730 पासबुक, 516 चेक, 169 लैपटॉप, 438 मोटरसाइकिल, 115 चार पहिया वाहन, चार क्लोन मशीन, 37 स्वैप मशीन व 16 राउटर बरामद किया गया. प्रतिबिंब ऐप से वर्ष 2023 से अक्तूबर 2024 तक मिली सफलता : वर्ष 2023 से अक्तूबर 2024 तक प्रतिबिंब ऐप की सहायता से 345 केस दर्ज किये गये. वहीं 1345 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया. 3736 सिम व 2694 मोबाइल बरामद किये गये. झारखंड में किस-किस तरह के होते हैं साइबर अपराध : कस्टम में पार्सल पकड़े जाने के नाम पर. ट्राइ फोन स्कैम. डिजिटल अरेस्ट. संगीन मामलों में परिवार के सदस्य की गिरफ्तारी का भय दिखाकर. ट्रेडिंग के नाम पर तत्काल धनी बनने का झांसा देकर. टास्क पूरा कर रिवार्ड देने के नाम पर ठगी. क्रेडिट कार्ड के नाम पर फ्रॉड. कम समय में पैसा 10 गुना करने का झांसा देकर. केवाइसी एक्सपायर होने के नाम पर ठगी. टैक्स रिफंड के नाम पर फ्रॉड. घर बैठे लोन दिलाने का प्रलोभन देकर ठगी. पार्ट टाइम जॉब का झांसा देकर ठगी. साइबर फ्रॉड से सतर्कता ही बचाव, इन चीजों पर दें ध्यान : किसी भी तरह का ट्रांजेक्शन करने से पहले इसे बैंक से कंफर्म कर लें, संदिग्ध फोन कॉल या नंबर के बारे में शिकायत दर्ज करायें, अत्यधिक मुनाफा देनेवाले रिटर्न से सावधान रहें, व्यक्तिगत जानकारी या बैंक का डिटेल किसी से साझा नहीं करें, मोबाइल पर भेजे गये किसी संदिग्ध लिंक पर क्लिक नहीं करें.

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