मनमानी :ममता ने खुद संभाली कमान, प्रवेश मार्गो पर बंगाल पुलिस की कड़ी निगरानी
रांची/ जमशेदपुर :पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पड़ोसी राज्यों में सफेद आलू की आपूर्ति पर रोक लगा दी है. इससे झारखंड, असम और ओड़िशा जैसे राज्यों के बाजारों में आलू की कमी हो गयी है. ममता बनर्जी ने असम और ओड़िशा के आग्रह को ठुकरा दिया है. आपूर्ति रोके जाने से झारखंड में भी आलू के दाम आसमान पर चले गये हैं. शनिवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश के बाद मुख्य सचिव आरएस शर्मा ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव से बात की थी. इसके बाद भी सफेद आलू लेकर झारखंड आ रहे ट्रकों को बंगाल की सीमा में ही रोक दिया गया है. पंडरा थोक मंडी के व्यापारियों ने बताया कि अब तक दो दर्जन से अधिक ट्रकों को रोका गया है.
गालूडीह और माटीगोड़ा के आलू व्यापारियों के रायपुर से आ रहे तीन वाहनों को बीनपुर पुलिस ने जब्त कर लिया है. गालूडीह के आलू व्यापारी महाराज प्रसाद गुप्ता ने इसकी पुष्टि की है. व्यापारियों ने बताया कि बंगाल के बीनपुर, बांदवान, रायपुर, चिचड़ा, बांसतोला, नारायणपुर, शीलदा आदि जगहों पर पुलिस आलू लदे झारखंड के वाहनों को जब्त कर रही है. इसके बाद आलू को स्थानीय मंडी में बेचा दिया जा रहा है. इससे राज्य के व्यापारियों को नुकसान हो रहा है. बांसतोला स्टेशन पर बंगाल पुलिस ट्रेनों की भी जांच कर रही है.
अब सब्जियों पर भी संकट : पश्चिम बंगाल सरकार ने सिर्फ आलू पर ही नहीं, बल्कि सब्जियों पर भी रोक लगा दी है. इससे बंगाल से झारखंड में सब्जी आनी बंद हो गयी है. विभिन्न ट्रेनों से बंगाल से सब्जी लाकर यहां बेचनेवाले दुकानदार बेरोजगार हो गये हैं. सब्जियों के भाव भी बढ़ गये हैं. हालांकि बंगाल में अधिकतर सब्जियां झारखंड से ही जाती हैं. पर वहां से भी कुछ सब्जियों की आपूर्ति की जाती है. घाटशिला अनुमंडल में विभिन्न ट्रेनों के माध्यम से पश्चिम बंगाल से हर रोज एक लाख से अधिक की सब्जी लायी जाती थी. इस कारण सब्जी के भाव नियंत्रित रहते थे. महाराज प्रसाद गुप्ता ने बताया : बांसतोला स्टेशन पर बंगाल पुलिस ट्रेनों की जांच करती है. झारखंड के सब्जी विक्रेताओं की सब्जियां जब्त कर ली जा रही हैं.
पश्चिम बंगाल के आलू पर ही झारखंड निर्भर है. झारखंड सरकार को इसके लिए पहल करनी चाहिए. लोगों का काम आलू से ही चल रहा था. हरी सब्जी पहुंच से दूर हो गयी थी. ऐसे में सरकार को चाहिए कि सीधे पश्चिम बंगाल से बात कर समस्या का निराकरण करे. पश्चिम बंगाल सहयोग नहीं करता है, तो यहां से हरी सब्जी बंगाल नहीं भेजनी चाहिए.
– शंभू गुप्ता, अध्यक्ष, रांची चेंबर
रोके गये दो दर्जन से अधिक ट्रक
सब्जियों की आपूर्ति पर भी रोक
बांसतोला स्टेशन पर हो रही ट्रेनों की जांच
तो रोक देंगे बंगाल को सब्जी की आपूर्ति
पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से झारखंड को आलू रोके जाने पर यहां के लोगों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. झारखंड के व्यवसायियों व जनता ने कहा है कि बंगाल यदि आलू की सप्लाई शुरू नहीं करता, तो हम यहां से सब्जियां नहीं जाने देंगे. रांची चेंबर के अध्यक्ष शंभू गुप्ता ने कहा कि पश्चिम बंगाल सहयोग नहीं करता है, तो यहां से हरी सब्जी बंगाल नहीं भेजनी चाहिए.
क्या हो रहा नुकसान
* बंगाल में आलू 13 रुपये और
* आलू के दाम बढ़ने के कारण हरी सब्जियों की कीमत भी आसमान पर
* लोगों की पहुंच से दूर हुई सब्जियां, घर का बजट गड़बड़ाया
* सबसे अधिक परेशानी गरीबों को हो रही है, जिनका परिवार सब्जी के नाम पर सिर्फ आलू पर निर्भर था
* घाटशिला के इंदिरा मार्केट के अलावा गालूडीह, मऊभंडार के कई छोटे–बड़े व्यवसायी बंगाल के पाशकुड़ा, झाड़ग्राम आदि जगहों से सब्जी खरीद कर लाते हैं. बंगाल में आलू और सब्जी की आपूर्ति रोके जाने से इनकी आमदनी रुक
* असम व ओड़िशा सरकार का आग्रह ठुकराया
पश्चिम बंगाल से आलू की आपूर्ति रोकने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में कृषि मार्केटिंग बोर्ड की कमान खुद संभाल ली है. कृषि मंत्री को कहा है कि फिलहाल मार्केटिंग बोर्ड का मामला वह खुद देखेंगी. वहां के अधिकारियों को जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
‘‘बंगाल में आलू की बढ़ती कीमत के कारण दूसरे राज्यों को इसकी सप्लाई बंद कर दी गयी है. असम और ओड़िशा की सरकार ने ऐसा नहीं करने का आग्रह भी किया था. पर हमने स्पष्ट कर दिया है कि अपने राज्य के गरीबों की उपेक्षा कर दूसरे राज्यों में आलू नहीं भेजा जा सकता. पश्चिम बंगाल में 13 रुपये किलो आलू बेचने का निर्देश दिया गया है.
ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री, पश्चिम बंगाल
मुख्यमंत्री ने जतायी थी आपत्ति
पश्चिम बंगाल से आलू की आपूर्ति रोके जाने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आपत्ति जतायी थी. उन्होंने कहा था कि बंगाल में यादि आलू पैदा होता है, तो वहां की सरकार को यह ध्यान में रखना चाहिए कि झारखंड से भी हरी सब्जियां बंगाल जाती हैं. उनके निर्देश पर मुख्य सचिव ने बंगाल के मुख्य सचिव से टेलीफोन से बात भी की थी.