फायरिंग की वजह से ही इलाके में दंगा भड़का. सूचना मिलने पर जब पुलिस वहां पहुंची, तब फायरिंग करनेवालों ने धार्मिक नारा लगाया और पथराव शुरू किया. इसी वजह से दंगा और भड़क गया. समझाने पर पुलिस पर भी पथराव किया गया. पुलिस को अनुसंधान के दौरान यह भी जानकारी मिली है कि फायरिंग करनेवाले युवक डोरंडा में किसी जमीन विवाद के मसले को सुलझाने के लिए जुटे थे, हालांकि किस जमीन विवाद को लेकर फायरिंग की घटना घटी थी और घटना के पीछे शामिल लोग कौन थे, पुलिस इसके बारे में साक्ष्य एकत्र कर रही है. हालांकि अब तक के अनुसंधान में पुलिस को इस बिंदु पर कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिले हैं, जिससे स्पष्ट हो सके कि 28 सितंबर की रात की घटना 25 सितंबर की रात की घटना का ही परिणाम था. पुलिस 28 सितंबर की घटना के पीछे जमीन कारोबार से जुड़े अपराधियों की संलिप्तता पर जांच कर रही है.
उल्लेखनीय है कि 25 सितंबर की रात डोरंडा के एक धार्मिक स्थल के पास प्रतिबंधित मांस मिलने को लेकर दो पक्षों में तनाव हुआ था. इस घटना के बाद कुछ लोगों ने 28 सितंबर की रात गौसनगर में फायरिंग की थी, जिससे माहौल बिगड़ गया था. घटना के बाद पुलिस ने दूसरे दिन मजिस्ट्रेट के बयान पर 47 के अलावा अन्य अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कार्रवाई की. कुछ लोगों के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई भी हुई. कार्रवाई के बाद माहौल धीरे-धीरे शांत हुआ.