कलाम-राजू स्टेंट की कीमत सर्फि 20-25 हजार …(फोटो भी है)

कलाम-राजू स्टेंट की कीमत सिर्फ 20-25 हजार …(फोटो भी है) शुरुआत में इसकी कीमत 15 हजार थी डॉ बी सोमाराजू के साथ मिलकर किया था विकसित प्रचार-प्रसार की कमी के चलते लोगों को नहीं मिल रहा इसका फायदाप्रचलन रोकने में कॉरपोरेट व स्टेंट लॉबी का भी हाथ अब मेक इन इंडिया के तहत विकसित करने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 23, 2015 9:09 PM

कलाम-राजू स्टेंट की कीमत सिर्फ 20-25 हजार …(फोटो भी है) शुरुआत में इसकी कीमत 15 हजार थी डॉ बी सोमाराजू के साथ मिलकर किया था विकसित प्रचार-प्रसार की कमी के चलते लोगों को नहीं मिल रहा इसका फायदाप्रचलन रोकने में कॉरपोरेट व स्टेंट लॉबी का भी हाथ अब मेक इन इंडिया के तहत विकसित करने की मांगवरीय संवाददाता, रांचीरांची सहित पूरे राज्य में स्टेंट की कीमत लाख-डेढ़ लाख तक ली जाती रही है. अब सरकार ने रिम्स में इसकी अधिकतम कीमत 60 हजार रुपये तक निर्धारित कर दी है. जानकारों के अनुसार अब भी इसकी कीमत आम लोगों के लिए अधिक ही है. महंगाई व गरीबी ने जहां अाम आदमी के रोजाना का जीवन मुश्किल कर दिया है. वहीं गंभीर बीमारी किसी परिवार को कंगाल तक बना देती है. ऐसे में दिवंगत राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम तथा केयर ग्रुप अॉफ हॉस्पिटल, हैदराबाद के संस्थापक डॉ बी सोमाराजू द्वारा विकसित कलाम-राजू (केआर) स्टेंट गरीबों के लिए वरदान साबित हो सकता है. यह स्टेंट अाज भी हैदराबाद व अन्य स्थानों पर विभिन्न केटेगरी के आधार पर 20 से 25 हजार में उपलब्ध है. वहीं यह स्टेंट पूरी तरह विश्वसनीय भी है. पर हेल्थ सेक्टर से जुड़े कॉरपोरेट तथा स्टेंट माफिया इसके प्रचलन में बाधा हैं. दरअसल डीआरडीअो में कार्यरत रहते डॉ कलाम ने डॉ राजू के साथ मिल कर एक स्टेंट डेवलप किया था. मिसाइल में उपयोग होने वाले कंपोजिट मैटेरियल से तैयार यह स्टेंट कलाम-राजू स्टेंट के नाम से मशहूर है. वर्ष 1995 के आसपास रक्षा उपकरणों की कुछ अनुषंगी इकाई में विकसित इस स्टेंट को बनाने में सिर्फ छह-सात हजार रु की लागत आयी थी. अन्य खर्च सहित यह स्टेंट तब सिर्फ 15 हजार में उपलब्ध था. तब खुले बाजार में विदेशी स्टेंट 60 रु तक में मिलते थे. केआर स्टेंट हैदराबाद सहित देश के अन्य भागों के करीब दो हजार मरीजों को सफलतापूर्वक लगाया भी जा चुका है. अकेले केयर हॉस्पिटल में ही 522 स्टेंट लगाये गये हैं. मीडिया की खबरों तथा इनमें केयर ग्रुप के डॉ राजू के उद्धृत बयानों के मुताबिक किसी मरीज को कोई परेशानी नहीं हुई. फिर से विकसित हो हैदराबाद में सरकारी क्षेत्र के अोसमानिया जेनरल अस्पताल के कार्डियेक सर्जन डॉ मार्केंडेय पांडेय के अनुसार अब खास कर डॉ कलाम के निधन के बाद कलाम-राजू स्टेंट का उत्पादन व विकास फिर से किया जाना चाहिए. लगातार रांची अाने वाले एम्स के पूर्व काडिर्योलॉजिस्ट डॉ विमल छाजेड़ भी एेसा ही मानते हैं, ताकि इसकी लागत अौर कम हो. इन चिकित्सकों का मानना है कि एेसा करके ही हम गरीबों के प्रति बेहद हमदर्दी रखने वाले डॉ कलाम को सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं. वर्जन : जब इस स्टेंट को डॉ कलाम ने विकसित किया था, तब तो इसका फिर से उत्पादन शुरू कर तथा इसका भरपूर प्रचार-प्रसार कर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सकती है. गरीबों सहित आम अादमी को आज प्राथमिक स्तर की ही स्वास्थ्य सुविधा मिल रही है. ऐसे प्रयास से ही आम लोगों के बीच सरकार का इकबाल बढ़ेगा. डॉ एसएस सिंह, सेवानिवृत्त सिविल सर्जन तथा सामाजिक कार्यकर्ताकेआर स्टेंट अब भी उपलब्ध है. हमारे यहां विभिन्न श्रेणियों वाली इस स्टेंट की कीमत 20 से 25 हजार के बीच है. यह स्टेंट पूरी तरह विश्वसनीय भी है. श्री बाला, बिजनेस हेड केयर हॉस्पिटल हैदराबाद (दूरभाष पर प्रभात खबर से कहा)

Next Article

Exit mobile version