महिलाएं देंगी राज्य को नयी पहचान

नामकुम: लाख निर्मित वस्तुओं के उत्पादन में झारखंड अब अपनी नयी पहचान बनाने जा रहा है. झास्को लैम्पफ(नामकुम) अपने इसी प्रयास के तहत राज्य में लाख उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए अनगड़ा की 50 महिलाओं को प्रशिक्षण दे रहा है. झारखंड में लाख उत्पादन के बावजूद जयपुर व मुजफ्फरपुर जैसे शहर लाख निर्मित वस्तुओं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:37 PM

नामकुम: लाख निर्मित वस्तुओं के उत्पादन में झारखंड अब अपनी नयी पहचान बनाने जा रहा है. झास्को लैम्पफ(नामकुम) अपने इसी प्रयास के तहत राज्य में लाख उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए अनगड़ा की 50 महिलाओं को प्रशिक्षण दे रहा है. झारखंड में लाख उत्पादन के बावजूद जयपुर व मुजफ्फरपुर जैसे शहर लाख निर्मित वस्तुओं के उत्पादन में अग्रणी स्थान रखते हैं.

इसी को ध्यान में रखते हुए प्रशिक्षण ले रहीं महिलाओं को इन उत्पादों के निर्माण का तरीका, कच्च माल तथा बाजार उपलब्ध कराया जायेगा. 90 दिन तक चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान इन महिलाओं को कुशल कारीगर के रूप में चिह्न्ति करने के बाद सारा इंफ्रास्ट्रक्चर झास्को लैम्पफ प्रदान करेगा. वहीं विदेशों में उत्पादों के निर्यात की अनुमति के लिए सहकारिता विभाग द्वारा आवेदन भी दिया जा चुका है.

मंगलवार को इसी के तहत प्रशिक्षण शिविर का उदघाटन नामकुम में किया गया.
उदघाटन मुख्य अतिथि भारतीय प्राकृतिक राल एवं गोंद संस्थान के निदेशक डॉ आर रमणी ने किया. मौके पर झास्को लैम्पफ के एमडी सुनील कुमार, रौशन लाल, संजीत कुमार व प्रवीण कुमार सहित रांची खूंटी को-ऑपरेटिव बैंक के अधिकारी मौजूद थे.

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