कांग्रेस-आजसू की कोशिश को झटका

रांची: डिप्टी मेयर के चुनाव में शह-मात का खेल चला. परदे के पीछे पार्टियां थीं. उनकी प्रतिष्ठा दावं पर थी. बाजी पलटने में दिग्गज लगे थे. एक ओर वार्ड 10 के पार्षद संजीव विजयवर्गीय थे, जिन्हें भाजपा का साथ था. पार्षदों को पक्ष में करने में भाजपा नेता जुटे रहे. संजीव पार्षदों के बीच पुराने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:37 PM

रांची: डिप्टी मेयर के चुनाव में शह-मात का खेल चला. परदे के पीछे पार्टियां थीं. उनकी प्रतिष्ठा दावं पर थी. बाजी पलटने में दिग्गज लगे थे. एक ओर वार्ड 10 के पार्षद संजीव विजयवर्गीय थे, जिन्हें भाजपा का साथ था. पार्षदों को पक्ष में करने में भाजपा नेता जुटे रहे. संजीव पार्षदों के बीच पुराने चेहरे थे. वहीं दूसरी ओर वार्ड 25 के पार्षद मो असलम थे, जिनके लिए परदे के पीछे से कांग्रेस खेमेबंदी कर रही थी.

सांसद सुबोधकांत सहाय रणनीति बना रहे थे. चुनाव के दिन प्रदीप तुलस्यान, महानगर अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह, जिला परिषद सदस्य मसूद आलम सक्रिय रहे. वार्ड 29 के पार्षद प्रदीप अग्रवाल के लिए भी हटिया के विधायक नवीन जायसवाल समेत पूर्व वाटर बोर्ड के चेयरमैन सुरेश साहू ने पूरी ताकत झोंक रखी थी.

काम नहीं आयी रणनीति
मो असलम के समर्थन में रांची के सांसद व दिग्गज कांग्रेसी खड़े थे, पर चुनाव परिणाम आने के बाद पार्टी के अंदर संशय था कि उम्मीदवार किसे बनाया जाये. समय से पार्टी फैसला नहीं कर सकी और पार्षद गोलबंद नहीं हुए. पार्टी वार्ड 27 के पार्षद साजिदा खातून व मो असलम के नाम पर उलझी रही. पहले प्रत्याशी की घोषणा नहीं करने के कारण भी बहुत से पार्षद असमंजस में थे.

प्रदीप पूरी तैयारी से नहीं कूदे
कहने को तो प्रदीप अग्रवाल के समर्थन में हटिया विधायक नवीन जायसवाल व पूर्व वाटर बोर्ड चेयरमैन सुरेश साहू काम कर रहे थे. इस चुनाव में प्रदीप कुमार की पहचान वार्ड तक ही सीमित रही. बाहर के कार्यक्रमों में उनकी उपस्थिति नगण्य ही रहती थी. डिप्टी मेयर चुनाव के पहले वे आजसू में शामिल भी हुए. आनन-फानन में आजसू उनके समर्थन में उतर आया.

ऐसे मिली डिप्टी मेयर की कुरसी
नगर निगम का चुनाव लड़ते समय ही पार्षद संजीव विजयवर्गीय वोटरों से यह कह रहे थे कि उन्हें सिर्फ पार्षद ही नहीं बनना है, बल्कि उसका लक्ष्य डिप्टी मेयर की कुरसी हासिल करना है. चुनाव परिणाम आने के साथ ही संजीव सक्रिय हो गये व पार्षदों से जाकर सहयोग करने की अपील की. पूर्व पार्षदों से भी उसने समर्थन करने की अपील की. नतीजा पूर्व पार्षद राजेश गुप्ता छोटू ने भी संजीव के लिए खुल कर काम किया.

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