संस्कृति ही संतालियों की पहचान : राज्यपाल

संस्कृति ही संतालियों की पहचान : राज्यपालआदिवासियों को संताली सहित हिंदी, अंगरेजी, फारसी भाषा का ज्ञान हासिल करना चाहिए25 बोक 62 – ललपनिया में दो दिवसीय संताली महाधर्म सम्मेलन का उद्घाटन करतीं राज्यपाल द्रौपदी मुरमू व अन्य.संवाददाता, ललपनियासंताली अपनी संस्कृति व सभ्यता न भूलें. यही संताली समाज की पहचान है. आपसी मतभेद भुला कर एकजुट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 25, 2015 10:08 PM

संस्कृति ही संतालियों की पहचान : राज्यपालआदिवासियों को संताली सहित हिंदी, अंगरेजी, फारसी भाषा का ज्ञान हासिल करना चाहिए25 बोक 62 – ललपनिया में दो दिवसीय संताली महाधर्म सम्मेलन का उद्घाटन करतीं राज्यपाल द्रौपदी मुरमू व अन्य.संवाददाता, ललपनियासंताली अपनी संस्कृति व सभ्यता न भूलें. यही संताली समाज की पहचान है. आपसी मतभेद भुला कर एकजुट होकर अपने धर्म, समाज, संस्कृति व सभ्यता की रक्षा के लिए काम करें. यह बात सूबे की राज्यपाल द्रौपदी मुरमू ने बुधवार को ललपनिया में कही. बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल श्रीमती मुरमू लुगूबुरु घंटाबाड़ा धरोमगढ़ में आयोजित संतालियों के दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय महाधर्म सम्मेलन का उद्घाटन के बाद समारोह को संबोधित कर रहीं थी. उन्होंने कहा कि लुगूबुरु घंटाबाड़ी धेरोमगढ़, मारंगबुरु आदि संतालियों का पूज्य स्थल है. लुगूबुरु घंटाबाड़ी आदिवासियों के सृष्टिकाल से ही धर्म का गढ़ माना गया है. अपने पूर्वजों से इसकी गाथा सुनते थे. राज्यपाल ने कहा : संतालियों को खास कर संताल ओलचिकी भाषा, संताल धर्मकोड, संताली भाषा की पढ़ाई के साथ-साथ हिंदी, अंगरेजी, फारसी सभी भाषा का ज्ञान प्राप्त करने की कोशिश करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि असम में संतालियों पर हुए जुल्म की पुनरावृत्ति रोकने के लिए आदिवासियों को एक मंच पर आकर इसका विरोध करना चाहिए.देश-विदेश में प्रसिद्ध है लुगूबुरु धर्मगढ़राज्यपाल द्रौपदी मुरमू ने कहा : आदिवासियों के आस्था से जुड़ा ललपनिया का लुगूबुरु धर्मगढ़ देश-विदेश में प्रसिद्ध है. इस धर्म स्थल में हर साल असम, बंगाल, त्रिपुरा, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, ओड़िशा, मध्यप्रदेश सहित नेपाल व अन्य देशों के संताली यहां मत्था टेकने आते हैं. उन्होंने कहा कि लुगूबुरु धर्म स्थल के विकास के लिए कुछ काम हुए हैं. और विकास के लिए सरकार से बात करेंगे.संताली संस्कृति से राज्यपाल का स्वागतललपनिया पहुंचने पर राज्यपाल द्रौपदी मुरमू का संताली संस्कृति के अनुरूप पानी से पैर धोकर किया गया. इससे पूर्व हेलीपैड में जिला पुलिस की ओर से उन्हें गार्ड ऑफ आनर दिया गया. श्रीमती मुरमू ने धर्म स्थल में पूजा-अर्चना कर राज्य की सुख-समृद्धि की कामना की. समिति के सचिव के लोबिन मुरमू ने एक 12 सूत्री स्मार पत्र राज्यपाल को सौंपा. अध्यक्ष बाबूली सोरेन ने समिति की ओर से राज्यपाल को साड़ी व शॉल भेंट कर स्वागत किया. समारोह की अध्यक्षता बाबूली सोरेन व संचालन सुरेंद्र टुडू ने किया. मौके पर झारखंड के प्रधान सचिव राजीव गौवा, बोकारो उपायुक्त मनोज कुमार, आइजी तदाशा मिश्रा, डीआजी शभुनाथ ठाकुर, एसपी वाइएस रमेश, बेरमो एसडीओ रमेश घोलप, एसडीपीओ नीरज कुमार, सीओ जेसी विनीत केरकेट्टा सहित समिति के कई पदाधिकारी मौजूद थे.शंकराचार्य श्री स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज गुरूवार को गोविन्दपुर आयेगेंगोविन्दपुर. गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य श्री स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज गुरूवार को गोविन्दपुर आयेगें। यहां बाजार में मारवाड़ी युथ विग्रेड के नंदलाल अग्रवाल की अगुवाई में उनका जोरदार स्वागत किया जायेगा। इसके बाद वे के के पॉलिटेकिAक में आयोजित धर्मचर्चा एवं संगोष्ठी को संबोधित करेगें।

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