धार्मिक स्थल भी शिफ्ट किये जायेंगे: नगर आयुक्त

रांची. मास्टर प्लान काे मंजूरी देते ही राज्य सरकार ने विकास के नये मार्ग खुलनेे और हर चीज के सुव्यवस्थित होने की बात कही है. दूसरी तरफ लोगों के मन में कई तरह के सवाल भी उठने लगे हैं. वहीं लोग मास्टर प्लान के लागू होने पर जमीन अधिग्रहण, विस्थापन आदि सवालों को लेकर असमंजस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 26, 2015 3:57 AM
रांची. मास्टर प्लान काे मंजूरी देते ही राज्य सरकार ने विकास के नये मार्ग खुलनेे और हर चीज के सुव्यवस्थित होने की बात कही है. दूसरी तरफ लोगों के मन में कई तरह के सवाल भी उठने लगे हैं. वहीं लोग मास्टर प्लान के लागू होने पर जमीन अधिग्रहण, विस्थापन आदि सवालों को लेकर असमंजस की स्थिति में हैं.

कोई इस बात को लेकर चिंतित है कि अगर उसकी पूरी जमीन चली गयी तो क्या होगा? कोई यह जानना चाहता है कि क्या मास्टर प्लान के दायरे में पड़नेवाले सभी गांवों पर निगम टैक्स लगायेगा? लोगों के मन में उठते इन सवालों पर प्रभात खबर संवाददाता उत्तम महतो ने नगर निगम के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी प्रशांत कुमार से इन मुद्दों पर खास बात की. प्रस्तुत है बातचीत के मुख्य अंश.

मास्टर प्लान में जमीन अधिग्रहण कर सड़क चौड़ीकरण का प्रावधान है. ऐसे में अगर सड़क के किनारे की सारी जमीन या भवन ले ली जायेगी तो जमीन मालिक का क्या होगा?
जिनकी जमीन जायेगी, उन्हें भवन निर्माण के लिए एक्स्ट्रा ‘एफएआर’ का लाभ दिया जायेगा. इससे वे अपनी बाकी जमीन पर अधिक ऊंची इमारत बना सकते हैं. जिनकी पूरी जमीन चली जायेगी, सरकार उन्हें डेवलपमेंट राइट देगी. ऐसे लोग अपनी राइट किसी बिल्डर को भी दे सकते हैं. फिर इस राइट के तहत बिल्डर काे एक्स्ट्रा एफएआर मिलेगा. ऐसे लोग बिल्डरों द्वारा बनाये जानेवाले प्रोजेक्ट में हिस्सेदार बन सकते हैं.
नये मास्टर प्लान में नगर निगम के बाहर के भी गांवों को शामिल किया गया है. क्या मास्टर प्लान में शामिल गांवों पर निगम टैक्स लगायेगा?
नगर निगम को सिर्फ निगम क्षेत्र की जमीन और भवनों पर टैक्स लेने का अधिकार है. इसलिए फिलहाल निगम सिर्फ अपने क्षेत्राधिकार में ही टैक्स वसूलेगा. आरआरडीए के क्षेत्राधिकार में पड़नेवाले गांवों को निगम के अधीन करने के बाद निगम उन गांवों पर टैक्स लगा सकेगा.
मास्टर प्लान में सड़कों की प्रस्तावित चौड़ाई में भी काफी गड़बड़ी है, मेन रोड की चौड़ाई अलबर्ट एक्का चौक से लेकर सर्जना चौक तक 150 फीट व सर्जना चौक से लेकर रतन टाॅकिज चौक तक 80 फीट व उसके बाद रतन टाॅकिज चौक से आगे 120 फीट है, ऐसा क्यों? ये सारे निर्णय मेरे आने से पहले ही ले लिये गये थे. इसलिए इस पर मेरा बोलना उचित नहीं होगा.
मास्टर प्लान के तहत अब कब से सड़क चौड़ीकरण का काम शुरू होगा.
मेकन द्वारा डीपीआर बनाया जा रहा है. उसके बाद टेंडर निकाला जायेगा. फिर लैंड एक्वायर कर सड़क चौड़ीकरण का काम प्रारंभ किया जायेगा.
अभी जिन सड़कों के किनारे नाली या सिवरेज-ड्रेनेज का काम चल रहा है. मास्टर प्लान के लागू होने के बाद क्या ये योजनाएं प्रभावित होंगीं?
नहीं, नये प्लान के तहत अगर जमीन अधिग्रहण किया गया, तो इसमें केवल सड़क चौड़ीकरण ही नहीं होगा. बल्कि अधिग्रहण किये गये भूमि पर फुटपाथ, बस पड़ाव व आम लोगों की सहूलियत के लिए जरूरी चीजें बनायी जायेंगी. किसी को भी पुनर्वास के बाद ही हटाया जायेगा.
नये मास्टर प्लान में सड़कों पर आनेवाले धार्मिक स्थलों का क्या होगा? इन्हें हटाया जायेगा या छोड़ा जायेगा?
मास्टर प्लान के तहत सड़क को चौड़ा करने के दौरान पड़नेवाले मंदिर, मसजिद सहित अन्य धार्मिक संरचनाओं को हटाया जायेगा. इन धार्मिक स्थलों को किसी दूसरी जगह बनाया जायेगा.
सड़क चौड़ीकरण के क्रम में कई बड़े प्रतिष्ठानों के भी इस दायरे में आने की संभावना है. क्या बड़े संस्थानों को भी हटाया जायेगा?
मास्टर प्लान के दायरे में आनेवाले हर छोटे-बड़े प्रतिष्ठानों को हटाया जायेगा, चाहे वह बड़े होटल हों या कोई अन्य
संस्थान.

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