मास्टर प्लान में टूटेंगी नालियां भी, डूबेंगे 46 करोड़
मास्टर प्लान में टूटेंगी नालियां भी, डूबेंगे 46 करोड़प्रमुख संवाददाता, रांची : शहर में मास्टर प्लान अगर लागू होता है, तो महत्वपूर्ण सड़कों के किनारे 46 करोड़ रुपये लागत से बनी नालियों को भी तोड़ना होगा. सड़कों के चौड़ीकरण के लिए नालियों को और पीछे किया जायेगा. इस तरह मौजूदा नाली का अस्तित्व समाप्त हो […]
मास्टर प्लान में टूटेंगी नालियां भी, डूबेंगे 46 करोड़प्रमुख संवाददाता, रांची : शहर में मास्टर प्लान अगर लागू होता है, तो महत्वपूर्ण सड़कों के किनारे 46 करोड़ रुपये लागत से बनी नालियों को भी तोड़ना होगा. सड़कों के चौड़ीकरण के लिए नालियों को और पीछे किया जायेगा. इस तरह मौजूदा नाली का अस्तित्व समाप्त हो जायेगा. सड़क के किनारे नये सिरे से नालियां बनानी होंगी. कैबिनेट से मास्टर प्लान पास होते ही इस पर चर्चा होने लगी है. सवाल किया जा रहा है कि शहर की सड़कों के किनारे बनी नालियों का क्या होगा?जिन सड़कों पर बनी /बन रही नालियांसड़क का नाम®लागत (लगभग में)रातू रोड® 3.00 करोड़हरमू रोड®3.10 करोड़प्लाजा रोड®45.00 लाखहिनू रोड®3.05 करोड़तुपुदाना रोड®3.00 करोड़डोरंडा-नामकुम रोड®3.15 करोड़कुल®15.75 करोड़नोट : इसके साथ ही कांके रोड व शहर की अन्य 15 सड़कों पर भी करीब 30 करोड़ रुपये की लागत से नालियां बनायी गयी हैं. इस तरह कुल 45.75 (करीब 46 करोड़) करोड़ रुपये से नालियां बनी हैं या बन रही हैं.प्लानिंग व तालमेल का अभावशहरीकरण के मामले में प्लानिंग व तालमेल का अभाव स्पष्ट दिख रहा है. सरकार के विभागों के बीच तालमेल नहीं है. यही वजह है कि पहले सिवरेज ड्रेनेज सिस्टम को लेकर मामला फंसा. इस कड़ी में बरियातू रोड पर नाली का काम कराने के बाद रोकना पड़ा, जबकि अन्य जगहों पर भी मामला फंसा है. चर्चा हो रही हैं कि नालियां बन गयी है, फिर सिवरेज ड्रेनेज सिस्टम कैसे बनेगा? अब सड़कें चौड़ी करने की योजना है़ इससे नालियां सड़क किनारे न होकर बीच में आ जायेंगी़ अगर पहले ही सिवरेज ड्रेनेज सिस्टम व मास्टर प्लान को लेकर पथ विभाग के साथ विचार-विमर्श किया जाता, तो राशि डूबने से बच जाती.