पासपोर्ट वेरिफिकेशन में देरी, तो कार्रवाई

रांची: डीजीपी आपके द्वार कार्यक्रम के तहत डीजीपी राजीव कुमार ने बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये राज्य भर के लोगों की समस्याएं सुनीं. पासपोर्ट बनवाने के दौरान पुलिस वेरिफिकेशन में जिन्हें भी समस्या थी, उनमें से कई ने अपने जिले के एसपी कार्यालय में आकर डीजीपी के सामने समस्याएं रखीं.प्रभात खबर डिजिटल प्रीमियम स्टोरीSpies […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 14, 2013 6:47 AM

रांची: डीजीपी आपके द्वार कार्यक्रम के तहत डीजीपी राजीव कुमार ने बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये राज्य भर के लोगों की समस्याएं सुनीं. पासपोर्ट बनवाने के दौरान पुलिस वेरिफिकेशन में जिन्हें भी समस्या थी, उनमें से कई ने अपने जिले के एसपी कार्यालय में आकर डीजीपी के सामने समस्याएं रखीं.

डीजीपी ने पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया कि वे ऐसी व्यवस्था करें, जिसमें थाना के पुलिस पदाधिकारी व स्पेशल ब्रांच के पदाधिकारी एक ही दिन, एक ही वक्त वेरिफिकेशन के लिए आवेदक के घर पहुंचें. डीजीपी ने वेरिफिकेशन रिपोर्ट देने में विलंब करनेवाले हजारीबाग, धनबाद, रांची और जमशेदपुर के एक-एक पुलिस पदाधिकारी के खिलाफ तीन दिन के भीतर कार्रवाई की अनुशंसा भेजने का निर्देश दिया. कोडरमा, दुमका, जमशेदपुर, चाईबासा, देवघर, गढ़वा, गुमला, सरायकेला, जामताड़ा, पाकुड़, लातेहार व सिमडेगा जिला के एसपी को प्रशस्ति पत्र देने की बात कही.

सभी थाना होंगे ऑनलाइन: रिजनल पासपोर्ट अफसर सनातन ने डीजीपी से कहा कि वह एक जिला दें. पासपोर्ट कार्यालय उस जिले के सभी थानों को गोद लेगा, फिर पासपोर्ट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को थाना स्तर पर ऑनलाइन किया जायेगा.

ऐसी-ऐसी शिकायतें आयीं
मिल कर गये, रिपोर्ट कर दी मिले नहीं: हजारीबाग डीसी कार्यालय के प्रधान लिपिक मसूद आलम (हाशमिया कॉलोनी, लोहसिंघना निवासी) ने डीजीपी से शिकायत की कि उनकी पत्नी और पुत्री ने पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था. थाना और स्पेशल ब्रांच के अधिकारी उनके घर पहुंचे और जांच की. थाने ने सही रिपोर्ट दी, लेकिन स्पेशल ब्रांच के अधिकारी संतोष कुमार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि उनकी पत्नी और बेटी पते पर नहीं मिली. हजारीबाग के ही शशिकांत झा का कहना था कि थाना ने रिपोर्ट भेज दी, लेकिन स्पेशल ब्रांच ने नहीं भेजी. डीजीपी ने कार्रवाई का आदेश दिया.

एसपी से मिलने के बाद काम हो गया: पलामू के संजीत सिंघानिया ने बताया कि थाना स्तर पर वेरिफिकेशन में देरी होने पर एसपी से मिले थे. एसपी से मिलने के बाद काम तुरंत हो गया. पलामू के ही रिटायर शिक्षक हरकिशोर सिंह ने भी यही बात कही. इस पर डीजीपी ने एसपी से कहा कि ऐसी व्यवस्था हो, जिसमें लोगों को एसपी के पास आने की जरूरत ही न पड़े.

पति का बन गया, पत्नी का नहीं: रांची निवासी रामदुलारी सिंह ने डीजीपी को बताया कि उन्होंने और उनके पति ने एक साथ चार जुलाई को आवेदन दिया था. उनके पति का वेरिफिकेशन हो गया, लेकिन थाना ने उनकी रिपोर्ट भेजी हीं नहीं. डीजीपी ने एसएसपी साकेत कुमार को निर्देश दिया कि वह रिपोर्ट न भेजने वाले पदाधिकारी की पहचान कर तीन दिनों के भीतर कार्रवाई के लिए अनुशंसा भेजें.

केस से नाम हट गया, फिर भी दी गलत रिपोर्ट: साहेबगंज संजय कुमार ने डीजीपी को बताया कि थाना के पुलिस पदाधिकारी ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने की बात रिपोर्ट में लिख दी, जबकि केस से उनका नाम कब का हट गया है.

Next Article

Exit mobile version