भूमि के ब्रह्मस्थल पर जरूर लगायें तुलसी का पौधा
भूमि के ब्रह्मस्थल पर जरूर लगायें तुलसी का पौधा ऑनलाइन वास्तु काउंसलिंगरांची. शुक्रवार को प्रभात खबर कार्यालय में आयोजित ऑनलाइन वास्तु काउंसलिंग में वास्तु विशेषज्ञ बिमलेश कुमार ने पाठकों के सवालों के जवाब दिये. उन्होंने वास्तु नियमों की चर्चा करते हुए बताया कि भूमि के ब्रह्मस्थल यानी जो केंद्र का हिस्सा है, वहां तुलसी का […]
भूमि के ब्रह्मस्थल पर जरूर लगायें तुलसी का पौधा ऑनलाइन वास्तु काउंसलिंगरांची. शुक्रवार को प्रभात खबर कार्यालय में आयोजित ऑनलाइन वास्तु काउंसलिंग में वास्तु विशेषज्ञ बिमलेश कुमार ने पाठकों के सवालों के जवाब दिये. उन्होंने वास्तु नियमों की चर्चा करते हुए बताया कि भूमि के ब्रह्मस्थल यानी जो केंद्र का हिस्सा है, वहां तुलसी का पौधा लगायें और नित्य जल अर्पित करें. इससे भूमि संबंधी व्याधि दूर होती है. शीघ्र कर्ज मुक्ति के लिए आवश्यक है कि मकान निर्माण वास्तुशास्त्र के नियमों के अनुकूल हो. निर्माण में अग्नि और जल का समन्वय जरूर देखा जाना चाहिए. अग्नि कोण के स्थान पर जल की व्यवस्था नहीं होनी चाहिए और ईशान कोण में अग्नि की व्यवस्था नहीं होनी चाहिए. घर के मुखिया को नियमित रूप से मुख्यद्वार पर तांबे के पात्र में रखा जल छिड़कना चाहिए. इससे परिवार के सदस्यों पर कर्ज जैसी परेशानियां नहीं होती हैं. नवविवाहितों के लिए भूल कर भी आग्नेय दिशा में स्थित कमरे में शयन कक्ष न बनायें. यहां अग्नि तत्व की प्रधानता होती है. यदि ऐसा होता है तो दंपती के बीच कुछ माह बाद ही अस्थिरता एवं चंचलता बढ़ने के साथ उग्रता आ जाती है. नवविवाहित के लिए दक्षिण-पश्चिम नैऋत्य कोण में शयनकक्ष होना चाहिए.