आज रुखसाना की उठेगी डोली

रांची : ऑक्सफोर्ड स्कूल के पीछे मिल्लत कॉलोनी निवासी यास्मीन खातून ने कुछ दिनों पहले हुए दंगे में अपने शौहर मो मुख्तार को खो दिया था. शौहर ही घर में एकमात्र कमाने वाला था. बेटा सद्दाम भी फ्लैक्स बनाने का काम करता है. जो पैसे मिलते हैं, उससे अपने और परिवार का खर्च चलाता है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 29, 2015 6:56 AM
रांची : ऑक्सफोर्ड स्कूल के पीछे मिल्लत कॉलोनी निवासी यास्मीन खातून ने कुछ दिनों पहले हुए दंगे में अपने शौहर मो मुख्तार को खो दिया था.
शौहर ही घर में एकमात्र कमाने वाला था. बेटा सद्दाम भी फ्लैक्स बनाने का काम करता है. जो पैसे मिलते हैं, उससे अपने और परिवार का खर्च चलाता है. शौहर की मौत के बाद यास्मीन के पास खुद को संभालने, परिवार को चलाने की जिम्मेदारी आ गयी थी. बेटी रुखसाना परवीन बड़ी हो चुकी थी अौर उसे समझ नहीं आ रहा था कि आखिर किस तरह अपनी बेटी का विवाह करे. ऐसे में समाज के नेक लोगों ने शादी का बीड़ा उठाया. मुख्यमंत्री ने भी इसमें मदद की. अब 29 नवंबर को रुखसाना की डोली उठेगी.
रुखसाना का निकाह मो इमरान से हो रहा है. निकाह का कार्यक्रम मिल्लत पंचायत सामुदायिक भवन में होगा. शनिवार को शाम करीब साढ़े सात बजे भाजपा नेता संजय सेठ, एसडीओ अमित कुमार शादी का सामान लेकर अपने सहयोगियों के साथ यास्मिन के घर पहुंचे. उनके साथ संजय कुमार जायसवाल, संतोष सिंह, मुख्तार अहमद, शाहीद अख्तर, राकेश चौधरी, संजू साहु के अलावा कई लोग शामिल थे. यही नहीं कई सामाजिक संस्थाओं जैसे पंजाबी हिंदू बिरादरी, अंजुमन इस्लामिया, बाजार समिति, चेंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से कई सामान दिये गये. इसके अलावा पहाड़ी मंदिर विकास समिति के हरि जालान, सुनील माथुर, सुरेश अग्रवाल, हेमेंद्र सिंह ने भी सामग्री दी. लोगों ने खाने-पीने के सामान, कपड़े, वाशिंग मशीन, टीवी, फ्रीज, 50 किलो चावल, 20 किलो दाल, आटा व चीनी उपलब्ध कराया. क्रॉकरी व डीनर सेट भी दिये गये.
समाज की बेटी की शादी है: भाजपा नेता संजय सेठ ने कहा कि रुखसाना समाज की बेटी है. उसकी शादी को लेकर पूरा समाज उसके साथ खड़ा है. मुख्यमंत्री रघुवर दास के निर्देश पर यह पहल की गयी है. सीएम ने कहा है कि हर बेटी की डोली सम्मान के साथ उठे, इसमें समाज सहयोग करे.
सहयोग देखकर अच्छा लग रहा है: यास्मिन : रुखसाना की मां यास्मिन की आंखों से आंसू नहीं रुक रहे थे. वो कह रही थी कि मुझे पता नहीं था कि यह समाज मुझ गरीब के लिए इतना कुछ करेगा. यह सब देखकर आत्मसंतोष मिल रहा है. अच्छा लग रहा है.

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