93 करोड़ लोगों के पास है आधार
रांची़ : भारतीय टेलीकॉम नियामक प्राधिकार के अध्यक्ष आरएस शर्मा ने कहा कि देश में 93 करोड़ लोगों के पास आधार नंबर है. यह अपने आप में कंप्यूटर जिंगल इंटेल इनसाइड की तरह है. विश्व भर में ऑनलाइन और रीयल टाइम पहचान का अनोखा टूल आधार बन गया है. उन्होंने कहा कि 29 सितंबर 2010 […]
रांची़ : भारतीय टेलीकॉम नियामक प्राधिकार के अध्यक्ष आरएस शर्मा ने कहा कि देश में 93 करोड़ लोगों के पास आधार नंबर है. यह अपने आप में कंप्यूटर जिंगल इंटेल इनसाइड की तरह है. विश्व भर में ऑनलाइन और रीयल टाइम पहचान का अनोखा टूल आधार बन गया है. उन्होंने कहा कि 29 सितंबर 2010 को पहला आधार कार्ड जारी किया गया था. उस समय यूएडीएआइ के पास कई चुनौतियां थीं. पर कुशल प्रबंधन और बेहतर समन्वय स्थापित कर, इसे नया आयाम दिया गया. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में 30 प्रतिशत से अधिक राशन कार्ड आधार के चलते गलत पाये गये. इसी तरह दिल्ली, झारखंड, हरियाणा और एक अन्य राज्य में चार लाख सरकारी कर्मचारियों का बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम भी स्थापित किया गया.
नागरिकों को पहचान दिलाता है आधार
आधार देश के नागरिकों को पहचान दिलाता है. आधार नंबर किसी भी सरकारी सेवाओं के लिए प्रमुख टूल है़ इससे यह पता चलता है कि लाभुकों को सेवा का लाभ मिला अथवा नहीं उन्होंने कहा कि आधार पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड और अन्य स्मार्ट कार्ड की तरह नहीं है़ इससे सेवाओं के मिलने का रास्ता प्रशस्त होता है.
आधार एक पारदर्शी नंबर है, जो सेवाओं और अन्य सरकारी योजनाओं के लिए कारगर सिद्ध हो रहा है. निर्वाचन आयोग ने भी वोटर आइडी कार्ड और आधार नंबर को जोड़ने की पहल कर मृत वोटरों की पहचान करने की बातें कही हैं. यह अनिवार्य नहीं है, पर रीयल टाइम सेवा पाने के लिए उपयुक्त है. आधार नंबर से सिर्फ डेढ़ सेकेंड में व्यक्ति की पहचान हो जाती है.
अंगुलियों के प्रिंट और आंख की पुतली से होती है लोगों की पहचान
आधार में फिंगर प्रिंट (अंगुलियों की छाप) और आइरिस (आखों की पुतली) से व्यक्ति की पहचान की जाती है. यह बगैर पात्रता के पहचान का तरीका बना है. भारत अब किसी भी देश के व्यक्ति का आधार बना सकता है. देश में अब थर्ड पार्टी आॅथेंटिकेशन (तीसरी पार्टी के पहचान) को भी स्थापित करने की कोशिश की जा रही है. अब निजी कंपनियां भी आधार नंबर के माध्यम से सेवा प्रदाता बन कर लोगों को सरकारी सेवाएं दे सकती हैं.
डिजिटल सिग्नेचर क्रांतिकारी कदम
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल सिग्नेचर और डिजिटल लॉकर की शुरुआत की है. यह क्रांतिकारी कदम है. डिजिटल सिग्नेचर के माध्यम से किसी भी व्यक्ति का खाता बैंक में खुल सकता है. इसे आधार नंबर से पहचान दिलायी जाती है. इससे आय कर दाखिल करने में भी सहूलियत हो रही है. 65 फीसदी आयकर दाता अब ऑनलाइन रिटर्न भर रहे हैं. डिजिटल लाकर में किसी भी तरह का प्रमाण पत्र रखा जा सकता है.
ओटीटी कंटेंट पर छिड़ी है बहस
उन्होंने कहा कि ओवर द टॉप कंटेंट (ओटीटी) पर ट्राइ की ओर से सुझाव मांगे गये थे. इनमें 18 लाख सुझाव आये हैं. इनका अध्ययन किया जा रहा है. विश्व में फेसबुक, गुगल, ट्वीटर, ह्वाट्सएप, एप्पल समेत 13 कंपनियां ओटोटी कंटेंट इंटरनेट के जरिये परोस रही हैं. इनके कंटेंट पर अभी बहस छिड़ी हुई है.