रांची: कोल बेड मिथेन (सीबीएम) से झारखंड में बिजली उत्पादन की संभावना खोज ली गयी है. प्राथमिक चरण में इसकी तैयारी भी कर ली गयी है.
अगले तीन साल के अंदर इससे व्यावसायिक उत्पादन भी होने लगेगा. सीएमपीडीआइ ने इस पर अध्ययन किया है, जिसके अनुसार, धनबाद के रानीगंज और झरिया से इसका दोहन होगा. पूर्ण क्षमता से दोहन की स्थिति में 10 लाख क्यूबिक मीटर गैस निकाली जा सकेगी.
इससे 200 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो पायेगा. सीएमपीडीआइ में सीबीएम के क्लीयरिंग हाउस की स्थापना की गयी है. इसमें अमेरिकी संस्था यूनाइटेड स्टेट इंवायरमेंट प्रोटेक्शन ऑथोरिटी (यूएसइपीए) ने सहयोग किया है. यहां से सीबीएम को बढ़ावा दिया जायेगा.