श्री सिंह मंगलवार को शालीमार मार्केट स्थित मत्स्य विभाग के प्रशिक्षण केंद्र में प्रेस से बात कर रहे थे. श्री सिंह ने कहा कि 2017-18 से झारखंड दूसरे राज्यों में मछली भेजने लगेगा. 2016-17 तक हम जरूरत भर मछली का उत्पादन करने लगेंगे. अभी राज्य में 1.05 लाख एमटी मछली का उत्पादन होगा. हमारी जरूरत 1.40 लाख एमटी है.
अभी राज्य में 1200 केज में मछली का उत्पादन हो रहा है. अगले साल इसकी संख्या पांच हजार करने का लक्ष्य है. कुआं, तालाब, डोभा आदि के अतिरिक्त सीसीएल, इसीएल, बीसीसीएल की बंद पड़ी खदानों में भी मछली का उत्पादन होगा. राज्य में करीब 85 हजार जमाबंदी तथा 26 हजार सरकारी तालाब हैं. मत्स्य पालकों को प्रोत्साहित करने के लिए पिकअप वैन दिया जा रहा है. एक लाख आठ हजार मत्स्य पालकों का बीमा कराया गया है. मौके पर पशुपालन विभाग की विशेष सचिव पूजा सिंघल तथा मत्स्य निदेशक राजीव कुमार भी मौजूद थे.