छात्रवृत्ति की अधिकतम राशि 50 हजार रुपये तय

रांची: झारखंड सरकार ने 2015-16 में पोस्ट मैट्रिक योजना के तहत छात्रवृत्ति की अधिकतम सीमा 50 हजार रुपये तय कर दी है. कल्याण विभाग की तरफ से पोस्ट मैट्रिक (प्रवेशिकोत्तर) स्कॉलरशिप के अलावा प्रावैधिकी छात्रवृत्ति के लिए यह निर्देश जारी किया गया है. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ी जाति के छात्र-छात्राओं को इसका लाभ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 4, 2015 2:56 AM
रांची: झारखंड सरकार ने 2015-16 में पोस्ट मैट्रिक योजना के तहत छात्रवृत्ति की अधिकतम सीमा 50 हजार रुपये तय कर दी है. कल्याण विभाग की तरफ से पोस्ट मैट्रिक (प्रवेशिकोत्तर) स्कॉलरशिप के अलावा प्रावैधिकी छात्रवृत्ति के लिए यह निर्देश जारी किया गया है. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ी जाति के छात्र-छात्राओं को इसका लाभ मिलेगा. झारखंड से बाहर पढ़ रहे राज्य के छात्र-छात्राओं के पाठ्यक्रम शुल्क को लेकर काफी परेशानी हो रही थी.

संस्थानों में विभिन्न पाठ्यक्रम के शुल्क भुगतान को लेकर हो रही समस्याओं को देखते हुए इस व्यावहारिक कठिनाई को दूर किया गया है. सरकार ने राज्य के अंदर और राज्य के बाहर पढ़ रहे छात्र-छात्राओं के लिए सभी प्रकार के शुल्क की अधिकतम सीमा 50 हजार तय की है. प्रत्येक वर्ष संस्थान के वास्तविक शुल्क अथवा अधिकतम सिलिंग की तय राशि के आधार पर सरकार छात्रवृत्ति का भुगतान करेगी. सरकार की तरफ से इसको लेकर सीमित बजट उपलब्ध कराया गया है. इसकी जानकारी सभी जिलों के उपायुक्तों, जिला कल्याण पदाधिकारी और सेंटर फार गुड गवर्नेंस हैदराबाद को भी दे दी गयी है. सेंटर फार गुड गवर्नेंस की तरफ से पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए राष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन आवेदन लिये गये हैं और इसी अनुरूप केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से स्कालरशिप की राशि लाभुकों के खाते में ट्रांसफर की जायेगी.
पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए खर्च किये 180 करोड़
सरकार की तरफ से पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के लिए चालू वित्तीय वर्ष में 220 करोड़ का प्रावधान किया गया है. इसमें अनुसूचित जाति के लिए 28 करोड़, अनुसूचित जनजाति के लिए 80 करोड़ और अन्य पिछड़ा वर्ग समूह के लिए 112 करोड़ तय किया गया है. कुल बजट उपबंध में से 180 करोड़ लाभुकों के खाते में हस्तांतरित कर दिये गये हैं.

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