गंठबंधन में वोट बैंक की भेंट चढ़ जाता है विकास का मुद्दा

रांचीः पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा है कि झारखंड गठन के 13 वर्षो में भी बहुमत की सरकार नहीं बनी. बहुमत की सरकार में ही संस्थागत विकास संभव है. गंठबंधन सरकार में नीतिगत निर्णय होते हैं. जब इसके क्रियान्वयन का समय आता है, तो दल अपने अपने वोट बैंक को देखने लगते हैं. मैं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 18, 2013 4:02 AM

रांचीः पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा है कि झारखंड गठन के 13 वर्षो में भी बहुमत की सरकार नहीं बनी. बहुमत की सरकार में ही संस्थागत विकास संभव है. गंठबंधन सरकार में नीतिगत निर्णय होते हैं. जब इसके क्रियान्वयन का समय आता है, तो दल अपने अपने वोट बैंक को देखने लगते हैं. मैं यह मानता हूं कि यहां स्पष्ट दृष्टि के साथ काम करने की कमी रही है.

इसका मुख्य कारण है एक दल का बहुमत नहीं होना. झारखंड में जितने दल हैं, शायद उतना कहीं नहीं है. यहां हर आदमी एक दल खड़ा करने की सोचता है. यहां के संसाधनों का दुरुपयोग करने के लिए मीडिल मैन की भूमिका और लाबिंग ज्यादा है. यही वजह है कि झारखंड राजनीति रूप से (आइसोलेटेड) अलग थलग रहा है. यहां एक बड़ी ताकत इस बात को लेकर सक्रिय रहती है कि बहुमत की सरकार नहीं बन सके. राज्य के निरंतर विकास के लिए माइंड सेट बदलाव लाकर स्वच्छ वातारण स्थापित करना होगा. इसके लिए राजनीतिक क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों को स्वार्थ से ऊपर उठना होगा. श्री मुंडा प्रभात खबर से बातचीत कर रहे थे.

स्टेट फेल नहीं, विकास का काम धीमा: श्री मुंडा ने कहा कि झारखंड में विकास का काम धीमा रहा. आधारभूत संरचनाओं के विकास में गुणवत्ता नहीं रही. सिर्फ इसी आधार पर झारखंड को फेल स्टेट कह देना अतिशयोक्ति होगी. किसी भी राज्य की डेमोक्रेसी तभी फेल होती है, जब पूरा सिस्टम फेल हो जाता है. इस सिस्टम में विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका शामिल है. झारखंड को प्रायोगिक भूमि बना दी गयी है. यहां बहुत प्रयोग हुए हैं.

खामियां न निकाले, काम करे सरकार: विकास के लिए ग्लोबल इकोनॉमी के साथ तारतम्य स्थापित करना होगा. किसी की खामियां निकालना, उस पर आरोप लगाना आसान है. लोगों को कमियां बताना चाहिए. नीतियों का क्रियान्वय नहीं होने से उग्रवाद पनप रहा है और लोकतंत्र को चुनौती दे रहा है. सरकार को खामियां निकालने की बजाये उसका अध्ययन कर इसे दूर करने का उपाय करना चाहिए. चाहे यह काम पिछली सरकार ने ही क्यों नहीं शुरू किया है. हजारीबाग-जमशेदपुर में एक्सप्रेस वे बनाने का शिलान्यास छह माह तक रोक कर रखा गया. सरकार गिरते ही इसका शिलान्यास किया गया था. देश और राज्य की विकास के लिए जनता को बहुमत का सरकार देनी चाहिए, ताकि विकास का काम निरंतर जारी रह सके.

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