आगमन का पुण्यकाल झ्र 7
आगमन का पुण्यकाल – 7 फोटो ट्रैकहेडिंग – चुनाव करने का समयकिसी कंपनी के कर्मचारी एक दिन जब अॉफिस पहुंचे तो उन्हें गेट पर एक बड़ा सा नोटिस लगा दिखा–इस कंपनी में जो व्यक्ति आपको आगे बढ़ने से रोक रहा था, कल उसकी मृत्यु हो गयी़ आप सभी कृपया बारी–बारी से मीटिंग हॉल में जाएं […]
आगमन का पुण्यकाल – 7 फोटो ट्रैकहेडिंग – चुनाव करने का समयकिसी कंपनी के कर्मचारी एक दिन जब अॉफिस पहुंचे तो उन्हें गेट पर एक बड़ा सा नोटिस लगा दिखा–इस कंपनी में जो व्यक्ति आपको आगे बढ़ने से रोक रहा था, कल उसकी मृत्यु हो गयी़ आप सभी कृपया बारी–बारी से मीटिंग हॉल में जाएं और उसका आखिरी दर्शन कर ले़ं सबने देखा कि अंदर जानेवाला व्यक्ति काफी गंभीर हो कर बाहर निकलता था, मानो उसके किसी करीबी की मृत्यु हुई हो़ इस बार अंदर जाने की बारी एक पुराने कर्मचारी की थी़ उसे हर चीज से शिकायत रहती थी, कंपनी से, सहकर्मियों से, वेतन से, बॉस से …पर आज वो खुश लग रहा था़ उसे लगा, चलो जिसकी वजह से उसकी लाइफ में इतनी समस्याएं थीं, वो गुजर गया़ अपनी पारी आते ही वह तेजी से ताबूत के पास पहुंचा और जिज्ञासा से उचक कर अंदर झांकने लगा़ पर यह क्या, अंदर एक बड़ा दर्पण रखा हुआ था.! वह क्रोधित हो उठा और जोर से चिल्लाने ही वाला था कि उसे दर्पण के बगल में एक संदेश लिखा दिखा–इस दुनिया में केवल एक ही व्यक्ति है जो आपको आगे बढ़ने से रोक सकता है और वह आप स्वयं है़ं ईश्वर ने हमारे सामने दो विकल्प रखे हैं – स्वर्ग और नरक, जीवन और मृत्यु़ इन दोनों में से किसी एक का चुनाव करनेवाले व्यक्ति हम स्वयं है़ं ईश्वर हमें स्वर्ग या नरक नहीं भेजता़ हम खुद अपने लिए स्वर्ग या नरक का चुनाव करते है़ं जीवन में लिये गये प्रत्येक निर्णय में हम स्वर्ग या नरक का चुनाव करते है़ं आगमन काल में हम पुराने ’मैं’ को दफना कर एक नए ’मैं’ का सृजन करे़ं- फादर अशोक कुजूरडॉन बॉस्को यूथ एंड एजुकेशनल सर्विसेज के निदेशक