रांची. संत अन्ना धर्मसंघ की संस्थापक मदर मेरी बेर्नादेत्त प्रसाद किस्पोट्टा की 63वीं पुण्यतिथि मनायी गयी. इस अवसर पर पुरुलिया रोड स्थित संत अन्ना मूल मठ, संत अन्ना जेनरलेट सहित धर्मसंघ से जुड़ीं बहनों ने श्रद्धांजलि दी. धर्मसंघ की स्थापना 26 जुलाई 1897 को हुई थी. रांची में चार आदिवासी बालाओं बेर्नादेत्त, सिसिलिया, बेरोनिका और मेरी ने इसकी शुरुआत की थी. मदर मेरी बेर्नादेत्त प्रसाद किस्पोट्टा इस धर्मसंघ की संस्थापिका बनी. यह धर्मसंघ शिक्षा सहित सेवकाई से जुड़े कई क्षेत्रों में कार्यरत है. संस्थापिका मदर मेरी बेर्नादेत्त प्रसाद किस्पोट्टा मांडर के सरगांव क्षेत्र से थी. उनका जन्म 2 जून 1878 को हुआ था. वे लूथरन परिवार में जन्मी थीं और बपतिस्मा में उनका नाम ख्रीस्त आनंदित रूथ था. कैथोलिक विश्वास में आने के बाद उनका नाम मेरी बेर्नादेत्त रखा गया. 16 अप्रैल 1961 को मदर बेर्नादेत्त का निधन हो गया. उन्होंने अपनी प्रार्थना, ममता, सेवा, त्याग द्वारा धर्मसंघ को सींच कर एक वटवृक्ष के समान बनाया.
संत अन्ना धर्मसंघ की संस्थापक मदर मेरी बेर्नादेत्त की 63 वीं पुण्यतिथि मनी
संत अन्ना धर्मसंघ की संस्थापक मदर मेरी बेर्नादेत्त प्रसाद किस्पोट्टा की 63वीं पुण्यतिथि मनायी गयी.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement