हाइकोर्ट ने पूछा, क्यों नहीं जांच करायी जाये
रांची : झारखंड हाइकोर्ट में सोमवार को चिटफंड कंपनियों द्वारा दोगुणा ब्याज देने के नाम पर करोड़ों-अरबों रुपये हड़पने को लेकर दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई हुई.
चीफ जस्टिस आर भानुमति व जस्टिस डीएन पटेल की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए 10 प्रतिवादियों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया.
सीबीआइ, प्रवर्तन निदेशालय (इडी), आयकर, भारत सरकार के कंपनी मामलों के मंत्रालय, रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज, सेबी अध्यक्ष, रिजनल सेबी कार्यालय कोलकाता, आरबीआइ के क्षत्रीय प्रबंधक, झारखंड के वित्त सचिव व डीजीपी को नोटिस निर्गत करने का निर्देश दिया गया.
पूछा कि क्यों नहीं मामले की जांच करायी जाये. साथ ही खंडपीठ ने संबंधित अन्य मामलों को भी टैग करने की बात कही. मामले की अगली सुनवाई के लिए 25 नवंबर की तिथि निर्धारित की गयी. प्रार्थी की ओर से बताया गया कि चिटफंड कंपनियां दो गुणा ब्याज देने के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपये वसूल कर भाग गयी हैं.
राज्य सरकार संबंधित कंपनियों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. पूरे मामले की सीबीआइ, इडी व आयकर से जांच कराने के लिए उचित आदेश देने का आग्रह किया गया.
उल्लेखनीय है कि प्रार्थी बबलू कुमार, संजय लकड़ा, अजय कुमार व अन्य की ओर से अलग-अलग जनहित याचिका दायर की गयी है. इस मामले में प्रार्थियों ने 69 चिटफंड कंपनियों को प्रतिवादी बनाते हुए सूची हाइकोर्ट में समर्पित की थी.
पूर्व में अलकेमिस्ट की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया था कि वे चिटफंड कंपनियों के निदेशक का नाम-पता व बैंक खाता की जानकारी प्रस्तुत करें. पुलिस द्वारा अब तक कोर्ट को जानकारी उपलब्ध नहीं करायी गयी है. वही हाइकोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उसे जनहित याचिका में भी तब्दील कर दिया था.