आगमन का पुण्यकाल झ्र 9

आगमन का पुण्यकाल – 9 फोटो ट्रैक– आत्मा को तैयार रखने का समयएक राजा था, जिसने खूंखार जंगली कुत्ते पाल रखे थे़ अपराधियों को दंड देने के लिए वह उन्हें इन कुत्तों के सामने फेंक देता था़ एक बार राजा के एक पुराने और वफादार मंत्री से कोई गलती हो गयी़ क्रोधित राजा ने उसे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 6, 2015 8:42 PM

आगमन का पुण्यकाल – 9 फोटो ट्रैक– आत्मा को तैयार रखने का समयएक राजा था, जिसने खूंखार जंगली कुत्ते पाल रखे थे़ अपराधियों को दंड देने के लिए वह उन्हें इन कुत्तों के सामने फेंक देता था़ एक बार राजा के एक पुराने और वफादार मंत्री से कोई गलती हो गयी़ क्रोधित राजा ने उसे भी शिकारी कुत्तों के सामने फेंकने का आदेश दे दिया. सजा से पूर्व राजा ने मंत्री से उसकी आखिरी इच्छा पूछी़ मंत्री ने कहा – ‘राजन! मैंने एक आज्ञाकारी सेवक की तरह दस सालों से आपकी सेवा की है़ सजा पाने से पहले आपसे दस दिनों की मोहलत चाहता हू़ं राजा ने उसकी बात मान ली़ दस दिनों बाद सैनिक मंत्री को पकड़ कर ले आए़ राजा का इशारा पाते ही सैनिकों ने उसे खूंखार कुत्तों के सामने फेंक दिया़ परंतु यह क्या- कुत्ते मंत्री पर टूट पड़ने के बजाए अपनी पूंछ हिला–हिला कर उसे चाट रहे थे! राजा आश्चर्य से यह सब देख रहा था़ आखिर इन खूंखार कुत्तों को क्या हो गया था? आखिर राजा से रहा नहीं गया और उसने मंत्री से पूछ ही लिया कि यह क्या हो रहा है, ये कुत्ते काटने के बजाए उसके साथ क्यों खेल रहे हैं?मंत्री ने कहा – राजन! इन दस दिनों की मोहलत का एक–एक क्षण मैंने इन बेजुबानों की सेवा में लगा दिया़ मैं इन कुत्तों को प्रतिदिन नहलाता, खाना खिलाता और हर तरह से उनका ध्यान रखता था़ ये कुत्ते खूंखार और जंगली होकर भी मेरे दस दिनों की सेवा नहीं भुला पा रहे़ पर दुख है कि आप मेरी दस वर्षों की स्वामी भक्ति को भूल गये़ राजा को अपनी भूल का एहसास हुआ़ उसने तत्काल मंत्री को आजाद करने का हुक्म दिया और आगे से ऐसी गलती ना करने की सौगंध ले ली़यदि हमें जिंदगी के आखिरी दस दिन मिलें तो हम क्या करेंगे? क्या वही, जो अभी तक कर रहे हैं? भोग–विलास, मौज–मस्ती, पार्टी? या एक–एक लम्हा अपनी आत्मा को शुद्ध करने में लगा देंगे? मृत्यु तो निश्चित है़ हमारे पास कितने दिनों की मोहलत है, हमें नहीं मालूम़ बुद्धिमानी इसी में है कि आगमन काल में हम अपनी आत्मा की तरफ ध्यान दे़ं इसे शुद्ध और पवित्र करे़ं प्रभु के आने की प्रतीक्षा करे़ं- फादर अशोक कुजूरडॉन बाॅस्को यूथ एंड एजुकेशनल सर्विसेज के निदेशक

Next Article

Exit mobile version