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सरकारी भवनों से निकाले करोड़ों के सामान का हिसाब नहीं

सरकारी भवनों से निकाले करोड़ों के सामान का हिसाब नहींभवन निर्माण विभाग के गोदाम में रखे जाते हैं सरकारी भवनों से निकाले गये सामान विभाग ने नौ दिसंबर तक इन सामग्रियों का हिसाब-किताब मांगा वरीय संवाददाता, रांची भवन निर्माण विभाग के गोदाम में रखे गये सरकारी भवनों से निकाले गये कीमती सामानों का हिसाब-किताब नहीं […]

सरकारी भवनों से निकाले करोड़ों के सामान का हिसाब नहींभवन निर्माण विभाग के गोदाम में रखे जाते हैं सरकारी भवनों से निकाले गये सामान विभाग ने नौ दिसंबर तक इन सामग्रियों का हिसाब-किताब मांगा वरीय संवाददाता, रांची भवन निर्माण विभाग के गोदाम में रखे गये सरकारी भवनों से निकाले गये कीमती सामानों का हिसाब-किताब नहीं है. विभाग के वरीय अधिकारियों को इस बात की जानकारी नहीं मिल पा रही है कि सामान कहां रखे गये हैं. उनको यह भी पता नहीं चल पा रहा है कि सरकारी भवनों से निकाले गये सामान इस्तेमाल किये भी जा रहे हैं या नहीं. इस स्थिति को देखते हुए भवन निर्माण सचिव कमल किशोर सोन ने आदेश निकाल कर संबंधित प्रमंडलों के अधीक्षण अभियंताओं को सामानों का ब्योरा एकत्रित कर सरकार को रिपोर्ट करने का निर्देश दिया है. साथ ही भविष्य में इन सामग्रियों के सिलसिले में हर तीन माह पर राज्य सरकार को सूचित करने का निर्देश दिया गया है. आदेश में यह भी कहा गया है कि सरकारी कार्यालयों एवं आवासीय भवनों से निकाले गये बिजली के उपकरण जैसे पंखा, एसी, हीटर के अलावा टेबल, कुरसी, सोफा-सेट समेत साज-सज्जा की अन्य सामग्रियां, बाथरूम फिटिंग्स आदि कहीं रखे गये हैं या कहीं इस्तेमाल किये जा रहे हैं, इसकी जानकारी नहीं है. इन सामग्रियों का हिसाब-किताब देने के लिए नौ दिसंबर तक की तिथि तय की है.राज्य बनने के बाद से ही नहीं बनी बदले गये सामानों की सूचीझारखंड के नया राज्य बनने के बाद से कभी भी मंत्रियों व अधिकारियों के आवास और कार्यालय में बदले गये पुराने सामग्रियों की कोई सूची नहीं है. हालांकि, गुजरे 15 वर्षों के दौरान करोड़ों रुपये के सामान सरकारी आवासों में लगाये और निकाले गये हैं. नियमानुसार, इन सामग्रियों का हिसाब-किताब रखना संबंधित भवन प्रमंडलों का काम है. सरकार को मिली सूचना के अनुसार सामग्रियों का हिसाब फिलहाल किसी के पास नहीं है. मंत्री के बदलने के बाद बदल दिये जाते हैं साजो-सज्जा के सामानराज्य में मंत्रियों के बदलने के साथ ही मंत्री आवास व कार्यालय में पहले से पड़े टेबल, कुरसी, सोफा-सेट समेत साज-सज्जा की अन्य सामग्रियां बदल दी जाती हैं. प्रत्येक मंत्री के केवल आवास की साज-सज्जा पर 1.5 लाख रुपये खर्च करने का नियम है. सरकारी पदाधिकारियों के तबादले के बाद भी नये अधिकारी के हिसाब से आवास या कार्यालय की साज-सज्जा की जाती है. इसके अलावा समय-समय पर खराब हो जाने के कारण उपकरणों या साज-सज्जा की सामग्रियों को बदला जाता है.- मेरी मंशा किसी पर ऊंगली उठाने की नहीं है. बदली गयी सामग्रियों का उपयोग होना चाहिए. अगर वह उपयोग के लायक नहीं हैं तो उनको नष्ट किया जाना चाहिए. सरकारी भवनों से निकाली गयी सामग्रियों का हिसाब-किताब जरूरी है. अधीक्षण अभियंताओं, कार्यपालक अभियंताओं के साथ अभियंता प्रमुख व मुख्य अभियंता को भी बदली गयी सामग्रियों की जानकारी लेने के आदेश दिये गये हैं. – कमल किशोर सोन, सचिव, भवन निर्माण विभाग\\\\B

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