ग्लोबल वार्मिंग भवष्यि के लिए चुनौती

ग्लोबल वार्मिंग भविष्य के लिए चुनौतीफ्लैग: एनसीसी के कैडेटों ने जाना आपदा से निबटने के उपाय, जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी मनोज कुमार सिंह ने कहा(तसवीरें लाइफ फोल्डर में है)संत अरविंदो एकेडमी के विद्यार्थियों ने ली जानकारीसंवाददाता, रांची : आपदा प्रबंधन प्राधिकार की ओर से मंगलवार को एनसीसी कैडेटों को प्रशिक्षण दिया गया़ जिला आपदा प्रबंधन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 8, 2015 6:04 PM

ग्लोबल वार्मिंग भविष्य के लिए चुनौतीफ्लैग: एनसीसी के कैडेटों ने जाना आपदा से निबटने के उपाय, जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी मनोज कुमार सिंह ने कहा(तसवीरें लाइफ फोल्डर में है)संत अरविंदो एकेडमी के विद्यार्थियों ने ली जानकारीसंवाददाता, रांची : आपदा प्रबंधन प्राधिकार की ओर से मंगलवार को एनसीसी कैडेटों को प्रशिक्षण दिया गया़ जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार, रांची द्वारा मोरहाबादी फुटबाल मैदान में चल रही 19 वीं बटालियन एनसीसी कैंप में 277 कैडेटों को आपदा प्रबंधन एवं स्कूल सुरक्षा का प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण के दौरान आपदा के पूर्व, आपदा के दौरान एवं आपदा के बाद उनकी भूमिका के बारे में भी बताया गया. जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी मनोज कुमार सिंह ने कहा कि जलवायु परिवर्तन एवं ग्लोबल वार्मिंग के कारण आने वाले दिनों में मनुष्य को अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. प्राकृतिक आपदाओं की पुनरावृत्ति देखने को मिलेगी. उन्होंने बताया कि प्राय: यह देखा जाता है कि स्कूल जर्जर भवनों में चलाये जाते हैं. स्कूल नदी के किनारे, हाई टेंशन लाइन के नीचे, निचली जमीनों, खतरनाक उद्योगों या अति व्यस्त भीड़भाड़ वाले स्थानों पर होते हैं. ऐसी स्थिति में होने के कारण वे भूकंप, आग, भगदड़, बज्रपात एवं रासायनिक आपदाओं से प्रभावित हो सकते हैं. इसलिये स्कूलों को इन आपदाओं से संरक्षित एवं सुरक्षित किये जाने की आवश्यकता है. उन्होंने नेपाल व पाकिस्तान में आये भूकंप एवं उत्तराखंड, जम्मू एवं कश्मीर एवं चैन्नइ में आपदा का जिक्र करते हुए कहा कि कई बार प्रकृति वीभत्स रूप ले लेती है. आपदाओं का प्रबंधन समाज के हर स्तर पर जरूरी है. श्री सिंह ने बताया कि कि रांची जिला भूकंप के जोन तीन में शामिल है. इसलिये स्कूलों को भूकंप के प्रति अधिक सतर्क करने की जरूरत है. कक्षाओं से बाहर निकलने वाले दरवाजे के आसपास बाधाएं नहीं होनी चाहिये. कांच की खिड़की पर ग्रिल या परदे लगाये जाने चाहिये. रासायनिक प्रयोगशाला कक्ष में केमिकल की बोतल को सुरक्षित तरह से रखना चाहिये. उन्होंने आग बुझाने की विभिन्न विधियों व आग बुझाने में प्रयुक्त फायर एक्सटिंग्यूसर, एबीसी, सीओटू का प्रदर्शन कर उसे चलाने के तरीकों के बारे में बताया. अशोक कुमार शर्मा ने बज्रपात के लक्षण, बज्रपात से बचाव के उपाय और बज्रपात से पूर्व, बज्रपात के दौरान किये जाने वाले सुरक्षा उपायों को विस्तार से समझाया. उन्होंने बताया कि बिजली चमकने एवं गड़गड़ाहट की आवाज के बीच 15 सेकेंड से भी कम समय का अंतर है. ऐसे में ऊंचे एवं अकेले पेड़ के नीचे नहीं जाना चाहिए. जब आप खुले आसमान में हों, तो कम ऊंचाई वाले समूह में लगे पेड़ के नीचे चले जाना चाहिये या पास के किसी मजबूत छत वाले घर में चले जाना चाहिये. धातु के डंडी वाले छातों का प्रयोग नही करना चाहिये. प्रशिक्षण के दौरान एनसीसी की तरफ से 19 वीं बटालियन के कमांडिंग आफिसर कर्नल एम ठाकुर, कैप्टन ममता शंकर, सूबेदार भुवनेश्वर, राम विलास उरांव तथा संत अरविंदों एकेडमी के विद्यार्थी भी उपस्थित थे. उन्होंने भी इसमें हिस्सा लिया व जानकारी हासिल की. इस अवसर पर स्कूल की प्राचार्या कंचन सिंह, राखी मिश्र, रंभा कुमारी, स्मिता कुमारी सहित 172 विद्यार्थी उपस्थित थे.

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