ग्रामीणों को रोजगार दें

रांचीः राज्य स्तरीय युवा महोत्सव के दूसरे दिन रामकृष्ण मिशन आश्रम में सचिव स्वामी शशांकानंद ने कहा कि सरकार को यह प्रयास करना होगा कि वह गांवों के लोगों को गांव में ही रोजगार दें. आज काफी संख्या में काम की तलाश में लोग गांव से पलायन कर रहे हैं इसलिए यह बेहद जरूरी है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 22, 2013 4:45 AM

रांचीः राज्य स्तरीय युवा महोत्सव के दूसरे दिन रामकृष्ण मिशन आश्रम में सचिव स्वामी शशांकानंद ने कहा कि सरकार को यह प्रयास करना होगा कि वह गांवों के लोगों को गांव में ही रोजगार दें. आज काफी संख्या में काम की तलाश में लोग गांव से पलायन कर रहे हैं इसलिए यह बेहद जरूरी है. दिव्यायन कृषि विज्ञान केंद्र में आने वाले युवाओं को कहीं बाहर काम करने की शिक्षा नहीं दी जाती, बल्कि गांव के युवक कैसे गांव में ही रोजगार अजिर्त करें, इसकी शिक्षा दी जाती है.

युवा महोत्सव में गुरुवार को प्रात: काल में स्वामी शशांकानंद व प्रीतम बनिक ने उपस्थित युवाओं को योगा व मेडिटेशन कराया. तत्पश्चात अनेकता में एकता विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार के सलाहकार टीजीके मूर्ति ने कहा कि विज्ञान व अध्यात्म को साथ लेकर चलने की जरूरत है. स्वामी विवेकानंद ने अपने जीवन काल जिन विचारों पर जोर दिया था, वे काफी हद तक विज्ञान से जुड़े हुए हैं. उनके विचारों से ही हम पूरे विश्व को एक सूत्र में बांध सकते हैं. ज्ञान है तो एकता है.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्वामी शांतात्मानंद ने कहा कि आज देश में यतो मत ततो पथ की धारणा चल रही है. पथ हजार हो सकते हैं, पर सभी पथों का अंत ईश्वर के दरवाजे पर ही होता है. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्वामी पूर्णानंद ने कहा कि कोई भी मनुष्य छोटा या बड़ा नहीं होता. सभी ईश्वर की संतान हैं.

कार्यशाला के पश्चात उपस्थित बच्चों ने स्वामी शशांकानंद से प्रश्न पूछे. क्या इस दुनिया में भूत प्रेत होते हैं? किस्मत में जो लिखा हुआ है वही इनसान को मिलता है? इस पर स्वामी शशांकानंद ने कहा कि इस संसार में भूत प्रेत होते हैं. पर उचित विद्या से उन्हें भगाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि किस्मत से कुछ नहीं होता है. बल्कि कर्म से ही यह तय होता है कि आपको क्या मिलने वाला है. मंच संचालन उत्कर्ष चौबे ने किया.

कार्यक्रम के दूसरे सत्र में स्वामी निखिलेश्वरानंद ने कहा कि प्राचीन काल में भारत सांस्कृतिक व आध्यात्मिक क्षेत्र में विश्व में सिरमौर था. वर्तमान हालात गंभीर है. अगर हम अपने देश को फिर से उसी स्थिति में लाना चाहते हैं तो हमें गांव के लोगों को आत्मनिर्भर बनाना होगा.

पर्यटन विभाग के विशेष सचिव सिद्धार्थ त्रिपाठी ने कहा कि आज देश की बदतर हालात के लिए गांव की जनता दोषी नहीं है. बल्कि योजनाएं बनाने वाले दोषी हैं. ऐसे लोग योजनाएं बनाते हैं जिन्हें यह पता ही नहीं होता है कि गांव के लोग आखिर रहते कैसे हैं. इसलिए लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी विशेष लाभ नहीं होता. दिनों दिन जल स्तर नीचे जा रहा है इसके लिए सिर्फ सरकार को ही नहीं आम आदमी को भी जागरूक होने की जरूरत है. पानी बचाने के लिए हम जल पुरुष राजेंद्र सिंह को याद तो करते हैं पर कोई यह नहीं कहता कि वह राजेंद्र सिंह की तरह काम करेगा. गांवों के विकास के लिए हमें ग्रामसभा का गठन कर योजनाएं पारित करनी होगी. उन्होंने कहा कि हमें सिर्फ शिक्षा पर नहीं बल्कि नैतिक शिक्षा पर जोर देनी होगी.

अध्यक्षीय भाषण देते हुए स्वामी सर्वास्थानंद ने कहा कि वर्तमान समय में लोग स्वार्थी हो गये हैं. किसी के मन में सेवा की भावना बची नहीं है. ऐसे में हमें विवेकानंद के बताये हुए रास्ते पर चलने की जरूरत है. कार्यक्रम के अंतिम सत्र में इक्फाई विवि के वीसी डॉ ओआरएस राव ने कहा कि वर्तमान पीढ़ी के युवा रोल मॉडल के रूप में सचिन तेंदुलकर, जगदगुरु शंकराचार्य व स्वामी विवेकानंद को चुनें. इन तीनों ने अपनी युवावस्था में प्रेरणादायक काम किया है.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिहार के पूर्व डीजीपी डीएन गौतम ने कहा कि दो दिनों तक चला यह कार्यक्रम प्रशंसनीय है. उन्होंने कहा कि युवा ही देश में परिवर्तन ला सकते हैं. कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन स्वामी जैनेंद्र ने किया. समापन समारोह में डीपीएस के छात्रों के द्वारा वंदे मातरम गान पेश किया गया.

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