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लोहरदगा चुनाव: झामुमो रहेगा तटस्थ, कांग्रेस को झटका

रांची: झारखंड में लोहरदगा अनुसूचित जनजाति की सुरक्षित विधानसभा सीट के लिए 14 दिसंबर को हो रहे उपचुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने तटस्थ रहने की घोषणा की है जिससे कांग्रेस को गहरा झटका लगा है. यह सीट झारखंड में सत्ताधारी भाजपा की सहयोगी आल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) के लोहरदगा विधायक कमल किशोर भगत […]

रांची: झारखंड में लोहरदगा अनुसूचित जनजाति की सुरक्षित विधानसभा सीट के लिए 14 दिसंबर को हो रहे उपचुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने तटस्थ रहने की घोषणा की है जिससे कांग्रेस को गहरा झटका लगा है. यह सीट झारखंड में सत्ताधारी भाजपा की सहयोगी आल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) के लोहरदगा विधायक कमल किशोर भगत को एक चिकित्सक पर हमले के मामले में सात वर्ष के सश्रम कारावास की सजा होने के कारण रिक्त हुई है.

झामुमो के प्रवक्ता पार्टी महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने यहां मीडिया से बातचीत में घोषणा की कि उनकी पार्टी इस उपचुनाव में तटस्थ रहेगी और वह किसी भी दल का समर्थन नहीं करेगी. पहले जब झामुमो ने इस सीट पर अपना प्रत्याशी न उतारने की घोषणा की थी तो इस बात के कयास लगाये जा रहे थे कि यहां सत्ताधारी भाजपा समर्थित उसकी सहयोगी आल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन के प्रत्याशी के मुकाबले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत विपक्ष के साझा उम्मीदवार हो सकते हैं. लेकिन झामुमो की तटस्थ रहने की घोषणा से कांग्रेस को गहरा झटका लगा है.

इन चुनावों में मुख्य मुकाबला कांग्रेस के सुखदेव भगत और भाजपा समर्थित आजसू की उम्मीदवार आाज्सू के सजायाफ्ता पूर्व विधायक कमल किशोर भगत की पत्नी नीरु शांति भगत के बीच है.लोहरदगा विधानसभा सीट पर उपचुनाव 14 दिसंबर को कराया जा रहा है जबकि पहले इस सीट के लिए मध्य प्रदेश की रतलाम और तेलंगाना की वारंगल लोकसभा सीटों के साथ 21 नवंबर को उपचुनाव कराया जाना था. लेकिन 21 अक्तूबर को चुनाव आयोग ने इस सिलसिले में जारी सूचना को झारखंड में पंचायत चुनावों के मद्देनजर संशोधित कर दिया था और लोहरदगा में चुनाव की तिथि 14 दिसंबर की तय की गयी थी.
चुनाव आयोग की अधिसूचना के अनुसार 14 दिसंबर को मतदान के बाद इस सीट के लिए 17 दिसंबर को मतगणना की जायेगी. इससे पूर्व रांची के अतिरिक्त न्यायायुक्त कृष्ण कुमार की अदालत ने 1993 में प्रसिद्ध मनोचिकित्सक केके सिन्हा पर हमले और उनसे अवैध वसूली के लिए उन्हें धमकाने के मामले में इस वर्ष 22 जून को आजसू के लोहरदगा विधायक कमल किशोर भगत और उनके सहयोगी ए बोदरा को दोषी करार दिये जाने के बाद 23 जून को दोनों को सात-सात वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनायी थी जिसके साथ ही भगत की विधायकी रद्द हो गयी थी और यह विधानसभा सीट रिक्त हो गयी थी.
अदालत ने चिकित्सक पर हमले के मामले में भगत को भारतीय दंड संहिता की धारा 307, 325, 387 एवं 448 के तहत दोषी करार दिया था। जो जान से मारने की धमकी, किसी को चोट पहुंचाने और धमका कर अवैध वसूली से जुडी धाराएं हैं.दूसरी तरफ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत इस सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी हैं जबकि बाबूलाल मरांडी की झारखंड विकास मोर्चा ने तृणमूल कांग्रेस से पार्टी में आये पूर्व मंत्री बंधू तिर्की को अपना प्रत्याशी घोषित किया है

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