खरसावां गोलीकांड शहीदों के आश्रितों को एक जनवरी को सम्मानित करेंगे सीएम

खरसावां गोलीकांड शहीदों के अाश्रितों को एक जनवरी को सम्मानित करेंगे सीएमहो रही शहीदों के परिजनों की तलाशबिहार और कटक भी गयी टीमसीएम ने एक-एक लाख रुपये देने की घोषणा भी की थीडेढ़ करोड़ की लागत से हो रहा है शहीद पार्क का निर्माणआजाद भारत का सबसे बड़ा गोलीकांड था खरसावां गोलीकांडसुनील चौधरी, रांची खरसावां […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 10, 2015 7:12 PM

खरसावां गोलीकांड शहीदों के अाश्रितों को एक जनवरी को सम्मानित करेंगे सीएमहो रही शहीदों के परिजनों की तलाशबिहार और कटक भी गयी टीमसीएम ने एक-एक लाख रुपये देने की घोषणा भी की थीडेढ़ करोड़ की लागत से हो रहा है शहीद पार्क का निर्माणआजाद भारत का सबसे बड़ा गोलीकांड था खरसावां गोलीकांडसुनील चौधरी, रांची खरसावां गोली कांड के शहीदों के परिजनों की तलाश राज्य सरकार कर रही है. एक जनवरी 2016 को इन्हें मुख्यमंत्री रघुवर दास सम्मानित करेंगे और शहीदों के परिजनों को एक-एक लाख रुपये मुआवजा भी देंगे. आजाद भारत का यह सबसे बड़ा गोलीकांड माना जाता है. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने एक जनवरी 2015 को खरसावां गोलीकांड के शहीदों के आश्रितों को एक-एक लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की थी. इसके बाद से ही आश्रितों की तलाश की जा रही है. एक जनवरी को पुन: मुख्यमंत्री वहां जायेंगे. मुख्यमंत्री सचिवालय से लगातार जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी जा रही है. परिजनों की पहचान के लिए दबाव भी दिया जा रहा है. खबर है कि अबतक तीन लोगों की पहचान की गयी है. बाकी की तलाश चल रही है. सरायकेला-खरसावां जिला प्रशासन ने टीम गठित कीशहीदों के परिजनों की खोज के लिए सरायकेला-खरसावां जिला प्रशासन ने पांच सदस्यीय टीम का गठन किया है. टीम में एडीएम संदीप कुमार बरायबुड़ू, खरसावां के बीडीओ, सीओ, डीएसपी मुख्यालय व खरसावां थाना प्रभारी शामिल हैं. ओड़िशा और बिहार सरकार से संपर्क किया गयासरायकेला-खरसावां के डीसी चंद्रशेखर ने बताया कि प्रमाणिक दस्तावेज की तलाश की जा रही है. टीम के लोग मयूरभंज भी गये. कटक भी गये हैं. सरायकेला के डीपीआरओ को पटना भेजा गया. डीपीआरओ ने बिहार सरकार के आर्काइव में जाकर दस्तावेजों की छानबीन की, पर उन्हें भी सफलता नहीं मिली है. बताया गया कि हर संभावित जगह पर प्रमाणिक दस्तावेज की तलाश की जा रही है, ताकि शहीदों के परिजनों की पहचान की जा सके. शहीद पार्क बन रहा हैखरसावां हाट मैदान में शहीद पार्क का निर्माण किया जा रहा है. डेढ़ करोड़ की लागत से वन विभाग द्वारा पार्क का निर्माण किया जा रहा है. निर्माण कार्य अंतिम चरण में चल रहा है. तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने शहीद पार्क के लिए राशि स्वीकृत की थी. अभी मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस पार्क को प्रेरणा स्थल के रूप में विकसित करने की बात कही है.क्या है खरसावां गोलीकांड एक जनवरी 1948 को जब पूरा देश आजादी और नववर्ष का जश्न मना रहा था. उसी दिन खरसावां हाट में 50 हजार से अधिक आदिवासियों की भीड़ पर ओड़िशा मिलिटरी पुलिस ने अंधाधुंध फायरिंग की थी. आदिवासी खरसावां स्टेट को ओड़िशा में विलय किये जाने का विरोध कर रहे थे. एक जनवरी 1948 को विलय हो जाना था. इसके विरोधस्वरूप आदिवासियों के नेता जयपाल सिंह मुंडा के आह्वान पर हजारों की संख्या में आदिवासी खरसावां हाट मैदान में सभा के लिए जमा हुए थे. हालांकि जयपाल सिंह मुुंडा नहीं आ पाये थे. आदिवासी खरसावां को बिहार में शामिल करने की मांग कर रहे थे. जबकि ओड़िशा सरकार इसके खिलाफ थी. ओड़िशा सरकार किसी भी सूरत में सभा नहीं होने देना चाहती थी. भीड़ पर पुलिस ने अंधाधुंध गोलियां बरसायी. जब फायरिंग रुकी तो पूरे हाट मैदान में आंदोलनकारियों के शव बिखरे थे. आजाद भारत का यह सबसे बड़ा गोलीकांड माना जाता है. यह अभी तक रहस्य बना हुआ है कि इस गोलीकांड में कितने लोग मारे गये थे. तत्कालीन ओड़िशा सरकार ने केवल 35 के मारे जाने की पुष्टि की थी, जबकि आदिवासी नेताओं का कहना था कि एक हजार से ज्यादा आदिवासी मारे गये थे. फायरिंग स्थल पर खरसावां गोलीकांड की याद में शहीद स्थल बनाया गया है. झारखंड अलग राज्य बनने के बाद से हर मुख्यमंत्री एक जनवरी को वहां श्रद्धांजलि देने जाते हैं. मुख्यमंत्री रघुवर दास भी सीएम पद की शपथ लेने के चौथे दिन वहां गये थे.

Next Article

Exit mobile version