डॉ बीडी शर्मा को दी श्रद्धांजलि

डॉ शर्मा से जुड़ी स्मृतियों अौर उनके कार्यों पर वक्ताओं ने रखे विचार आदिवासी आंदोलनों व मुद्दों को ही नहीं उठाया, बल्कि देशभर में आम आदमी से जुड़े आंदोलनों में उपस्थिति दर्ज की रांची : विभिन्न जनसंगठनों के प्रतिनिधियों ने गुरुवार को डॉ बीडी शर्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की. श्रद्धांजलि सभा का आयोजन मंथन सभागार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 11, 2015 5:16 AM
डॉ शर्मा से जुड़ी स्मृतियों अौर उनके कार्यों पर वक्ताओं ने रखे विचार
आदिवासी आंदोलनों व मुद्दों को ही नहीं उठाया, बल्कि देशभर में आम आदमी से जुड़े आंदोलनों में उपस्थिति दर्ज की
रांची : विभिन्न जनसंगठनों के प्रतिनिधियों ने गुरुवार को डॉ बीडी शर्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की. श्रद्धांजलि सभा का आयोजन मंथन सभागार में किया गया था. इस अवसर पर डॉ बीडी शर्मा की स्मृति में दो मिनट का मौन रखा गया. इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने डॉ शर्मा से जुड़ी स्मृतियों अौर उनके कार्यों पर विचार रखे. सामाजिक कार्यकर्ता अौर आंदोलनकारी दयामनी बरला ने कहा कि बिरसा मुंडा के बाद आदिवासियों के संघर्ष अौर उनके आंदोलन में उनके साथ खड़े होनेवाले सबसे बड़े व्यक्ति डॉ बीडी शर्मा थे.
उन्होंने सिर्फ आदिवासी आंदोलनों व मुद्दों को ही नहीं उठाया, बल्कि देशभर में आम आदमी से जुड़े आंदोलनों में उपस्थिति दर्ज की. एमजेड खान ने कहा कि डॉ शर्मा ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने लोकतंत्र अौर जम्हूरियत को मजबूती प्रदान की. उनकी विरासत को आगे बढ़ाना होगा.
फिल्मकार श्री प्रकाश ने कहा कि डॉ बीडी शर्मा ने नारा दिया था कि हमारे गांव में हमारा राज. वे गांव की जड़ों तक गये अौर समाज के उन अंतिम लोगों के सपनों को साकार करने का प्रयास किया, जो अपने हक की लड़ाई लड़ रहे थे. अनिल अंशुमन ने कहा कि एक नौकरशाह से जमीनी कार्यकर्ता तक का सफर विरले ही कर पाते हैं. यह काम डॉ बीडी शर्मा ने किया.
वे जीवनपर्यंत जनअधिकारों की लड़ाई लड़ते रहे. संवाद के शेखर ने कहा कि उनके साथ काम करने का मौका मिला. उनकी सादगी अनुकरणीय थी. सामाजिक कार्यकर्ता शांति सवैया ने कहा कि वे हमेशा प्रेरित करते रहेंगे. उन्होंने जो भी किया, कभी भी उसका श्रेय लेने की कोशिश नहीं की.
सामाजिक कार्यकर्ता रेणु ने कहा कि ऐसेसमय में जब इंसानियत पर ही सवाल उठने लगे हैं, डॉ शर्मा का न होना एक बड़ी क्षति है. सभा को पीपी वर्मा, सुशांतो, शेखर, बशीर सहित अन्य ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम के अंत में एसएआर कोर्ट के बंद करने के निर्णय के खिलाफ प्रस्ताव भी पास किया गया.

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