मास्टर प्लान के खिलाफ राजभवन के समक्ष जुटे आदिवासी

बोले वक्ता : रांची अनुसूचित क्षेत्र है, यहां नहीं हो सकती नगर पालिका रांची : राजधानी व आसपास के सैकड़ों आदिवासियों ने रांची मास्टरप्लान 2037 के खिलाफ राजभवन के समक्ष धरना दिया़ इस मौके पर आदिवासी छात्र संघ के सुशील उरांव, संगा पड़हा के सोमा मुंडा व अन्य ने कहा कि सरकार ने एक दिसंबर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 11, 2015 5:29 AM
बोले वक्ता : रांची अनुसूचित क्षेत्र है, यहां नहीं हो सकती नगर पालिका
रांची : राजधानी व आसपास के सैकड़ों आदिवासियों ने रांची मास्टरप्लान 2037 के खिलाफ राजभवन के समक्ष धरना दिया़ इस मौके पर आदिवासी छात्र संघ के सुशील उरांव, संगा पड़हा के सोमा मुंडा व अन्य ने कहा कि सरकार ने एक दिसंबर को असंवैधानिक निर्णय लेते हुए रांची जिले के 184 गांवों की कुल 652 वर्ग किमी जमीन मास्टरप्लान (ग्रेटर रांची) के लिए दे दी है़
एक सप्ताह के अंदर मास्टरप्लान रद्द करने की घोषणा की जाये, अन्यथा इस निर्णय के खिलाफ पूरे राज्य में उग्र आंदोलन चलाया जायेगा़ धरने के बाद राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंप गया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने रांची सहित राज्य के 12 जिले पू्र्ण रूप से और तीन जिले आंशिक रूप से अनुसूिचत क्षेत्र घोषित किया है़ राष्ट्रपति द्वारा स्वीकृति प्रदत्त पेसा कानून में इन क्षेत्रों में नगरपालिकाओं के गठन व त्रिस्तरीय पंंचायत चुनाव पर रोक है़
आदिवासियों को किया जा रहा है उनके अधिकारों से वंचित
वक्ताओं ने कहा कि सरकार द्वारा कानूनाें के उल्लंघन से आदिवासी जल, जंगल, जमीन के साथ साथ भाषा, संस्कृति, वेशभूषा, सांस्कृतिक पहचान और परंपरागत स्वशासन व्यवस्था से भी वंचित हो रहे है़ं उन्हेंं जनजातीय उपयोजना का लाभ भी नहीं मिल रहा़
उनका सामाजिक आर्थिक विकास अवरुद्ध है़ इसलिए अनुसूचित क्षेत्रों में गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी, विस्थापन, पलायन, भ्रष्टाचार, मानव तस्करी, नक्सलवाद जैसी समस्याएं बढ़ गयी है़

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