आवास बोर्ड :550 आवंटियों को हाइकोर्ट से राहत

झारखंड सरकार का आदेश निरस्त हरमू, अरगोड़ा व बरियातू हाउसिंग में लाॅटरी के माध्यम से िमले थे प्लाॅट रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने अावास आंवटन मामले में सरकार के आदेश को निरस्त कर दिया है. इससे रांची डिवीजन के हरमू, बरियातू और अरगोड़ा के लगभग 550 आवंटियों को बड़ी राहत मिली है. सरकार ने वर्ष […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 11, 2015 5:43 AM
झारखंड सरकार का आदेश निरस्त
हरमू, अरगोड़ा व बरियातू हाउसिंग में लाॅटरी के माध्यम से िमले थे प्लाॅट
रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने अावास आंवटन मामले में सरकार के आदेश को निरस्त कर दिया है. इससे रांची डिवीजन के हरमू, बरियातू और अरगोड़ा के लगभग 550 आवंटियों को बड़ी राहत मिली है.
सरकार ने वर्ष 2011 में लॉटरी के माध्यम से हुए आवास आवंटन में अनियमितता बरतने का आरोप लगाते हुए आवंटन की प्रक्रिया रद्द कर दी थी. विजय शंकर झा व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद जस्टिस एस चंद्रशेखर ने गुरुवार को यह आदेश दिया. अदालत ने कहा कि आवंटन रद्द करने से पहले आवंटियों को नोटिस नहीं दिया गया है. सरकार ने एक पक्षीय निर्णय लिया है. यह नेचुरल जस्टिस (नैसर्गिक न्याय) के खिलाफ है. याचिकाओं ने कहा गया कि सरकार ने आवंटियों का पक्ष सुने बिना फैसला लिया है, जो न्यायसंगत नहीं है. आवंटन के चार साल बाद इसे रद्द करना अनुचित है.
आवंटन रद्द करने से पहले उनका पक्ष सुना जाना चाहिए था.
आवंटियों ने बाेर्ड काे 11 करोड़ रुपये जमा कर दिये थे : आवास आवंटन को लेकर झारखंड आवास बोर्ड के पास आवंटियों ने लगभग 11 करोड़ रुपये जमा कर दिये थे. कई प्लॉट पर निर्माण कार्य भी शुरू हो गया था. कई प्लॉट में बिल्डिंग भी तैयार कर लिया गया था.
आवंटन तिथि से चार साल तक आवंटियों की ओर से राशि जमा की गयी थी. आवंटियों की ओर से बैंक से लोन लेकर राशि जमा करायी जा रही थी. अचानक आवंटन रद्द होने से आवंटियों की परेशानी बढ़ गयी थी.
सरकार ने चार साल बाद रद्द कर िदया था इन आवासों का आवंटन
झारखंड अावास बोर्ड की ओर से 20 अगस्त 2011 को लॉटरी के माध्यम से आवास का आवंटन किया गया था. लॉटरी में अनियमितता की शिकायत मिलने पर बोर्ड की ओर से तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में अनिनमितता बरतने की बात कही थी. बोर्ड की 40 वीं बैठक में आवास आवंटन को रद्द करने की मुहर लगायी गयी थी. इसके बाद सरकार ने 20 अगस्त 2015 को आवास आवंटन को रद्द करने का आदेश दिया था.

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