बदला नियम, अब मिलेगी क्लर्क की नौकरी

कोल इंडिया : अफसरों के आश्रितों को पहले अनुकंपा पर मिलती थी फोर्थ ग्रेड की नौकरी रांची : कोल इंडिया में अधिकारियों के अाश्रित को अब क्लर्क या डाटा इंट्री ऑपरेटर के पद पर बहाल किया जायेगा. अभी अधिकारियों के आश्रित को कैटगरी-1 (चतुर्थवर्ग) में नौकरी मिलती है, चाहे आश्रित की योग्यता कुछ भी हो. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 12, 2015 2:37 AM
कोल इंडिया : अफसरों के आश्रितों को पहले अनुकंपा पर मिलती थी फोर्थ ग्रेड की नौकरी
रांची : कोल इंडिया में अधिकारियों के अाश्रित को अब क्लर्क या डाटा इंट्री ऑपरेटर के पद पर बहाल किया जायेगा. अभी अधिकारियों के आश्रित को कैटगरी-1 (चतुर्थवर्ग) में नौकरी मिलती है, चाहे आश्रित की योग्यता कुछ भी हो. कोल इंडिया के निदेशकों की बैठक नौ फरवरी 2015 को संबलपुर में हुई थी. इसमें सैद्धांतिक सहमति बनी थी. सितंबर माह में कोल इंडिया की सीएमडी मीट में अधिकारियों की मौत के बाद उनके आश्रितों को क्लर्क या डाटा इंट्री ऑपरेटर में नियुक्त करने का निर्णय लिया गया.
इसकी अधिसूचना कोल इंडिया ने जारी कर दी है. जारी अधिसूचना के अनुसार, यह सुविधा वैसे अाश्रितों को ही मिलेगी, जिनकी शैक्षणिक योग्यता कम से कम मैट्रिक हो. एक साल उनका प्रशिक्षण अवधि होगा. प्रशिक्षण समाप्त होने के बाद क्लर्क ग्रेड-3 या डाटा इंट्री ऑपरेटर ग्रेड-इ में स्थायी नियुक्ति मानी जायेगी. कोल इंडिया ने कॉमन कोल कैडर में वर्ष 1981 में आश्रितों को कैटगरी-1 में नियुक्ति देने का प्रावधान किया था.
अभी मिलता है कैटगरी-1 में काम
अभी कोल इंडिया में काम करने वाले अधिकारी या कर्मचारी की मौत के बाद आश्रितों को कैटगरी-1 में नौकरी मिलती है. इस कारण कोल इंडिया की करीब-करीब सभी कंपनियों में तकनीकी शिक्षा प्राप्त कर्मी भी कैटगरी-1 में नौकरी कर रहे हैं. इस कारण कैटगरी-1 में कर्मियों की संख्या ज्यादा हो गयी है. कई विभाग कैटगरी-1 कर्मियों से क्लर्क या डाटा इंट्री ऑपरेटर का काम करा रहे हैं.
पांच साल पुरानी घड़ी देता है सीसीएल
सीसीएल सेवानिवृत्ति के समय कर्मियों को पांच साल पुरानी घड़ी देता है. कई बार घड़ी खराब भी होती है. द झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन के महासचिव सनत मुखर्ती ने कहा कि कोल इंडिया ने सभी कर्मियों के लिए पांच साल पहले घड़ी दी थी. बची हुई घड़ी ही दी जा रही है. इसमें अधिकतर बंद है. यह सेवानिवृत्त होने वाले कर्मियों की भावना के साथ खिलवाड़ है.

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