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छह मोटरयान निरीक्षकों के हवाले हैं 24 जिले

रांची : झारखंड में मोटरयान निरीक्षकों (एमवीआइ) की कमी है. परिवहन विभाग के पास पूरे राज्य के लिए केवल छह एमवीआइ हैं. इन छह एमवीआइ के पास राज्य के सभी 24 जिलों का प्रभार है. एक एमवीआइ न्यूनतम तीन और अधिकतम छह जिलों के प्रभार में है. सबसे ज्यादा छह जिले (दुमका, देवघर, जामताड़ा, साहेबगंज, […]

रांची : झारखंड में मोटरयान निरीक्षकों (एमवीआइ) की कमी है. परिवहन विभाग के पास पूरे राज्य के लिए केवल छह एमवीआइ हैं. इन छह एमवीआइ के पास राज्य के सभी 24 जिलों का प्रभार है. एक एमवीआइ न्यूनतम तीन और अधिकतम छह जिलों के प्रभार में है. सबसे ज्यादा छह जिले (दुमका, देवघर, जामताड़ा, साहेबगंज, पाकुड़ व गोड्डा) दुमका के एमवीआइ फुलेमान मियां के पास हैं.

वहीं, रांची के एमवीआइ मो शाह नवाज के पास पांच (रांची, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा व खूंटी), हजारीबाग के एमवीआइ अजय कुमार के पास चार (हजारीबाग, कोडरमा, चतरा व रामगढ़) और धनबाद के एमवीआइ मुकेश कुमार (धनबाद, बोकारो व गिरिडीह), पूर्वी सिंहभूम के अवधेश कुमार (पूर्वी सिंहभूम, पश्चिम सिंहभूम व सरायकेला-खरसावां) व पलामू के बुद्धिनाथ चौधरी (पलामू, गढ़वा व लातेहार) के पास तीन-तीन जिलों का प्रभार है.

काम पर पड़ रहा है असर : एमवीआइ की कमी का सीधा असर काम पर पड़ रहा है. एमवीआइ कार्यालय की स्थिति बहुत खराब है. एमवीआइ कार्यालय में बिना दलाल के काम नहीं होता है. एमवीआइ को वाहनों की जांच के लिए समय नहीं मिल पाता है.
राजस्व वसूली में फिसड्डी : काम के बोझ से दबे एमवीआइ राजस्व वसूली में फिसड्डी होते जा रहे हैं. चालू वित्तीय वर्ष में मोटरयान निरीक्षकों के लिए 3141 लाख रुपये राजस्व वसूली का लक्ष्य रखा गया है.
इसके विरुद्ध नवंबर माह तक केवल एक करोड़ रुपये ही वसूले जा सके हैं. निर्धारित लक्ष्य की तुलना में राजस्व वसूली में सभी जिले पिछड़े हुए हैं, पर सबसे खराब हालत रांची जिले की ही है. रांची में निर्धारित चार करोड़ के लक्ष्य की तुलना में अब तक केवल 31 लाख रुपये ही वसूले गये हैं.

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