बिजली वितरण निगम को 855 करोड़ का घाटा

रांची : झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग ने बिजली वितरण निगम के टैरिफ पर कई निर्देश जारी किये हैं. आयोग ने वित्तीय वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक की अवधि में बिजली वितरण निगम को 855.52 करोड़ रुपये के घाटे का अनुमान किया है. हालांकि निगम की ओर से इस अवधि में 7353.84 करोड़ रुपये के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 16, 2015 1:49 AM

रांची : झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग ने बिजली वितरण निगम के टैरिफ पर कई निर्देश जारी किये हैं. आयोग ने वित्तीय वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक की अवधि में बिजली वितरण निगम को 855.52 करोड़ रुपये के घाटे का अनुमान किया है. हालांकि निगम की ओर से इस अवधि में 7353.84 करोड़ रुपये के राजस्व घाटा का अनुमान करते हुए आयोग से इसे टैरिफ प्रस्ताव में स्वीकृत करने का आग्रह किया था.

आयोग ने राजस्व घाटे को कम करने के लिए टैरिफ में सामान्य वृद्धि की अनुमति दी है. आयोग ने जिस राजस्व घाटे को स्वीकार किया है उसमें से फिलहाल 249.66 करोड़ रुपये की भरपाई के लिए ही टैरिफ में सामान्य वृद्धि की है. शेष 605.86 करोड़ रुपये का अॉडिटेड एकाउंट नहीं था, इसलिए इस पर भी बाद में विचार करने का फैसला किया है.

डीपीएस की नौबत न आये
आयोग ने डिले पेमेंट सरचार्ज (डीपीएस) बढ़ाने से इनकार कर दिया है. आयोग का तर्क है कि यह उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ है, इसलिए इसे नहीं स्वीकार किया जा सकता है. आयोग ने निगम द्वारा प्रस्तावित दंड के प्रावधान को भी उपभोक्ताओं के हितों के विरुद्ध माना है और उसे अस्वीकार कर दिया है.
आयोग का कहना है कि डीपीएस लगाने से उपभोक्ता बिल का भुगतान करने में विलंब करते हैं. आयोग ने बकाया भुगतान के लिए डीपीएस के बजाय कोई नयी व्यवस्था करने का निर्देश दिया है. आयोग ने बिजली वितरण निगम को डिविजन भी अॉडिट कराने का निर्देश दिया है. उपभोक्ताओं द्वारा जमा की गयी सिक्यूरिटी राशि का भुगतान समय पर करने का निर्देश दिया है.

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