ग्रामीणों को सुलभ न्याय मुहैया करायेगी सरकार

रांची: ग्रामीणों को सुलभ न्याय दिलाने के लिए राज्य सरकार छह प्रखंडों में ग्राम अदालत स्थापित करेगी. मोबाइल कोर्ट की तर्ज पर काम करनेवाली इस अदालत में सिविल व क्रिमिनल मामले निबटाये जायेंगे. पहले चरण में रांची के मांडर और बुंडू, दुमका के जरमुंडी, देवघर के मधुपुर, पूर्वी सिंहभूम के बहरागोड़ा और कोडरमा के झुमरी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 28, 2013 7:20 AM

रांची: ग्रामीणों को सुलभ न्याय दिलाने के लिए राज्य सरकार छह प्रखंडों में ग्राम अदालत स्थापित करेगी. मोबाइल कोर्ट की तर्ज पर काम करनेवाली इस अदालत में सिविल व क्रिमिनल मामले निबटाये जायेंगे.

पहले चरण में रांची के मांडर और बुंडू, दुमका के जरमुंडी, देवघर के मधुपुर, पूर्वी सिंहभूम के बहरागोड़ा और कोडरमा के झुमरी तिलैया में ये न्यायालय बनेंगे. इन प्रखंडों में जनवरी 2014 से सभी ग्राम न्यायालय अस्तित्व में आ जायेंगे. ग्राम न्यायालय एक्ट 2008 के तहत सरकार को सभी पंचायतों में ऐसी अदालतें बनानी हैं. न्यायिक सूत्रों के अनुसार सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गयी है. जनवरी माह में तिथि निर्धारित कर ग्राम न्यायालय का उदघाटन किया जायेगा.

क्लर्क की बहाली की प्रक्रिया शुरू : झारखंड हाइकोर्ट ने ग्राम न्यायालयों में क्लर्क की बहाली प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके लिए विज्ञापन भी निकाल दिया गया है. अभ्यर्थी इन पदों के लिए तीन जनवरी तक ऑन लाइन आवेदन भर सकते हैं. क्लर्क पद के लिए 5200-20200 का ग्रेड पे निर्धारित किया गया है. फार्म झारखंड हाइकोर्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध है. मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त करनेवाले और कंप्यूटर जाननेवाले अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं.

पीठासीन पदाधिकारी होंगे न्यायिक दंडाधिकारी : ग्राम न्यायालय के पीठासीन पदाधिकारी प्रथम श्रेणी के न्यायिक दंडाधिकारी होंगे.

ये वैसे आपराधिक मामलों का निष्पादन करेंगे, जिसमें सजा के तौर पर या तो जुर्माना या फिर दो वर्ष से कम अवधि की सजा का प्रावधान हो. न्यायिक दंडाधिकारी प्रखंडों में जाकर निर्धारित तिथि पर लंबित मामलों का निबटारा करेंगे.

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