जंगल वार फेयर स्कूल पर हर साल पांच करोड़ खर्च, पर पांच साल में एक भी सिपाही को नहीं मिला प्रशिक्षण
रांची: लातेहार के नेतरहाट में जंगल वार फेयर स्कूल खोलने की अनुमति सरकार ने वर्ष 2008 में दी थी. वर्ष 2010 में जंगल वार फेयर स्कूल की शुरुआत हुई. भवन व अन्य आधारभूत संरचनाओं के निर्माण पर हुए खर्च को छोड़ दें, तो वहां पर हर माह 40 लाख से रुपये से अधिक स्थापना खर्च […]
रांची: लातेहार के नेतरहाट में जंगल वार फेयर स्कूल खोलने की अनुमति सरकार ने वर्ष 2008 में दी थी. वर्ष 2010 में जंगल वार फेयर स्कूल की शुरुआत हुई. भवन व अन्य आधारभूत संरचनाओं के निर्माण पर हुए खर्च को छोड़ दें, तो वहां पर हर माह 40 लाख से रुपये से अधिक स्थापना खर्च होता है. इसमें 100 से अधिक ट्रेनर और अफसरों के वेतन-भत्ता आदि शामिल हैं. मतलब हर साल करीब पांच करोड़ और पांच साल में 25 करोड़ रुपये खर्च हो गये, लेकिन इन पांच सालों में एक भी सिपाही को जंगल वार फेयर का प्रशिक्षण नहीं दिया गया.
जंगल वार फेयर ट्रेनिंग के लिए प्रशिक्षण का कोर्स तक तैयार नहीं किया गया. जानकारी के मुताबिक इसी माह ट्रेनिंग का कोर्स तैयार किया गया है. वहीं पांच जनवरी से पुलिसकर्मियों को जंगल वार फेयर की ट्रेनिंग देने का काम शुरु होगा. अब तक जंगल वार फेयर की ट्रेनिंग देनेवाले ट्रेनरों ने करीब छह हजार पुलिसकर्मियों को बुनियादी प्रशिक्षण और तीन हजार को प्रोन्नति के लिए ट्रेंड किया है.
विशेष ट्रेनिंग के लिए खुला था
जंगल वार फेयर स्कूल खोलने के पीछे सरकार का मकसद पुलिसकर्मियों और अफसरों को नक्सलियों से लड़ने के लिए विशेष ट्रेनिंग देना था. छत्तीसगढ़ के कांकेर में खुले जंगल वार फेयर स्कूल की सफलता को देखते हुए झारखंड में भी इसे खोलने का फैसला लिया गया था. इसमें जंगल में मुठभेड़, हथियार व लैंड माइन खोजने के लिए प्रशिक्षण देना है, लेकिन यह काम शुरू ही नहीं हो पाया.
सीइएट में पांच हजार को ट्रेनिंग
जानकारी के मुताबिक जंगल वार फेयर स्कूल परिसर में ही काउंटर इंसरजेंसी एंड एंटी टेररिस्ट (सीइएट) खोला गया. इस पर होनेवाले खर्च का अधिकांश हिस्सा भारत सरकार वहन करती है. सीइएट में सेना से रिटायर 80 ट्रेनरों को अनुबंध पर नियुक्त किया गया है. पिछले तीन-चार साल में यहां पर चार हजार सिपाहियों को ट्रेनिंग दी गयी है.
स्कूल में है जिनकी पोस्टिंग
डीआइजी 01
ओएसडी 01 रि कर्नल
एसपी 01
डीएसपी 05
इंस्पेक्टर 09
सार्जेंट 02
एसआइ 04
अन्य करीब 100