अब आइटी सचिव देंगे टावर लगाने की अनुमति

रांची: झारखंड के पंचायतों से लेकर शहरी क्षेत्रों में मोबाइल टावर लगाने की अनुमति अब सूचना प्राद्योगिकी और ई-गवर्नेंस विभाग की तरफ से दी जायेगी. विभाग के सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति टावर स्थापित करने के संबंध में टेलीकॉम कंपनियों को अनापत्ति प्रमाण पत्र देगी. विभाग की तरफ से झारखंड कम्युनिकेशन टावर एंड रिलेटेड […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 23, 2015 12:34 AM
रांची: झारखंड के पंचायतों से लेकर शहरी क्षेत्रों में मोबाइल टावर लगाने की अनुमति अब सूचना प्राद्योगिकी और ई-गवर्नेंस विभाग की तरफ से दी जायेगी. विभाग के सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति टावर स्थापित करने के संबंध में टेलीकॉम कंपनियों को अनापत्ति प्रमाण पत्र देगी. विभाग की तरफ से झारखंड कम्युनिकेशन टावर एंड रिलेटेड स्ट्रक्चर पालिसी 2015 के तहत कार्रवाई की जायेगी.

सरकार ने राज्य में इंफॉरमेशन, कम्युनिकेशन एंड टेक्नोलॉजी (आइसीटी) और आइटी आधारित संचार व्यवस्था को मजबूत करने की दृष्टि से यह निर्णय लिया है. सरकार ने इसके लिए बेहतर आधारभूत संरचना भी विकसित करने का निर्णय लिया है. यह नीति पूरे राज्य में लागू कर दी गयी है. नीति के तहत रूफ टॉप, ग्राउंड बेस्ड टावर, रूफ टॉप पोल, प्री फैब्रिकेटेड स्ट्रक्चर, और अन्य टावर स्थापित करने की अनुमति टेलीकाम कंपनियों और सेवा प्रदाताओं को दी जायेगी.

इससे संस्थानों, कैंपस, घरेलू और लोकल एरिया तथा वाइड एरिया नेटवर्किंग की सुविधाएं भी सेवा प्रदाता कंपनियों को उपलब्ध करानी होगी. राज्य के नगर निगम, नगरपालिका क्षेत्र में टावर लगाने का निबंधन शुल्क 20 हजार रुपये तय किया गया है, जबकि नगर पंचायत और नगर परिषद के लिए यह राशि 15 हजार रुपये देय होगी. पंचायत समिति क्षेत्र में टावर की स्थापना के लिए निबंधन शुल्क 10 हजार रुपये तय किया गया है. सरकार की तरफ से सभी तरह के आवासीय भवनों, बहुमंजिली इमारतों, हाउसिंग कॉलोनियों, औद्योगिक और व्यावसायिक भवनों, सभी संस्थागत भवनों, खुले क्षेत्र, सरकारी और अर्द्ध सरकारी भवन में टावर की स्थापना की अनुमति दी जायेगी.
समिति में कई विभाग के अधिकारी
आइटी सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति में वन और पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव अथवा नामित प्रतिनिधि, गृह विभाग के सचिव अथवा नामित व्यक्ति, नगर विकास विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, स्वास्थ्य विभाग, प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के सदस्य को शामिल किया गया है.

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