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डिपार्टमेंट टज्ञूफ हेल्थ रिसर्च, भारत सरकार से होगा करार अब रिम्स में भी शोध संभव

रांची: राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में शोध कार्य का रास्ता खुलेगा. चिकित्सक व मेडिकल स्टूडेंट के लिए शोध कार्य के लिए अपार संभावनाएं होंगी. रिम्स प्रबंधन डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ रिसर्च (डीएचआर) भारत सरकार के साथ फरवरी में एमओयू करेगा. डीएचआर इसके बाद अपनी एक्सपर्ट टीम को रिम्स में भेज कर कार्यशाला का आयोजन […]

रांची: राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में शोध कार्य का रास्ता खुलेगा. चिकित्सक व मेडिकल स्टूडेंट के लिए शोध कार्य के लिए अपार संभावनाएं होंगी. रिम्स प्रबंधन डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ रिसर्च (डीएचआर) भारत सरकार के साथ फरवरी में एमओयू करेगा. डीएचआर इसके बाद अपनी एक्सपर्ट टीम को रिम्स में भेज कर कार्यशाला का आयोजन करेगा. चिकित्सकों को यह जानकारी दी जायेगी कि वह किन-किन विषयों पर शोध कार्य कर सकते हैं.
आदिवासी क्षेत्र की बीमारियों पर होगा मंथन : शोध कार्य से जुड़ने के बाद रिम्स के चिकित्सक व मेडिकल स्टूडेंट आदिवासी बहुल इलाके में होनेवाली बीमारियों पर शोध करेंगे. यह पता किया जायेगा कि इन क्षेत्रों में बीमारियों का बोझ कितना है. बीमारियों को कैसे रोका जा सकता है व उनके इलाज की क्या-क्या संभावनाएं हैं. इसके बाद विषय बना कर शोध कार्य किया जायेगा.
इन बीमारियों पर ज्यादा ध्यान : राज्य में वैक्टर बार्न डिजिज व काॅम्युनिकेबल डिजिज ज्यादा होती है. जानकार बताते हैं कि यहां का वातावरण व भौगोलिक स्थिति इन बीमारियों के लिए उपयुक्त मानी जाती है, इसलिए शोध चिकित्सकों व मेडिकल स्टूडेंट को अधिकाधिक विषय मिलेगा.
मेडिकल कॉलेज में शोध कार्य ज्यादा होने चाहिए, इसलिए डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ रिसर्च (डीएचआर) के साथ करार किया जायेगा. डीएचआर की टीम हमारे चिकित्सक व विद्यार्थियों को इसमें मदद करेगी. शोध कार्य होने से राज्य में होनेवाली बीमारियों की स्थिति व उससे बचाव का पता चल पायेगा.
डॉ बीएल शेरवाल, निदेशक, रिम्स

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