सक्रिय हैं नाइजीरिया के साइबर अपराधी

साइबर अपराधियों की नजर राज्य के प्रमुख लोगों के फेसबुक एकाउंट पर इमेल और फेसबुक से दोस्ती कर ठगी की घटना को देते हैं अंजाम खुद फेक आइडी का करते हैं इस्तेमाल रांची : झारखंड में राजधानी सहित दूसरे इलाके के बड़े व्यवसायी और दूसरे पेशे से जुड़े लोगों के फेसबुक एकाउंट और इमले पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 3, 2016 12:46 AM
साइबर अपराधियों की नजर राज्य के प्रमुख लोगों के फेसबुक एकाउंट पर
इमेल और फेसबुक से दोस्ती कर ठगी की घटना को देते हैं अंजाम
खुद फेक आइडी का करते हैं इस्तेमाल
रांची : झारखंड में राजधानी सहित दूसरे इलाके के बड़े व्यवसायी और दूसरे पेशे से जुड़े लोगों के फेसबुक एकाउंट और इमले पर नाइजीरियन साइबर अपराधियों की नजर है. नाइजीरियन पहले फेसबुक और इमेल के जरिये दोस्ती करते हैं. अपने आप को विदेशी कंपनी का अधिकारी बता कर कम पूंजी में विदेशी कंपनी के साथ व्यवसाय करने का झांसा देते हैं. किसी को गिफ्ट भेजने के नाम पर फेसबुक के जरिये उनसे दोस्ती करते हैं. उनके बारे में निजी जानकारी एकत्र करते हैं.
इसके बाद उनसे धोखाधड़ी करते हैं. साइबर क्राइम के इस पेशे में जुड़े अधिकांश नाइजीरियन मुंबइ में रहते हैं और वहां से ठगी करने वाले गिरोह का संचालन करते हैं. दोस्ती करने के लिए भी इमेल और फेसबुक पर फेक आइडी का प्रयोग करते हैं. नाजीरियन द्वारा फरजी आइडी के जरिये ठगी का खुलासा पुलिस के अनुसंधान में हो चुका है.
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष राजधानी के एक व्यवसायी अजय सिंह से व्यवसाय से नाम पर 80 लाख से अधिक की धोखाधड़ी की गयी थी. ठगी में शामिल जिन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया, सभी नाइजीरियन ही थे. वे पहले से ठगी के इस पेशे में शामिल थे. हाल ही में एक महिला ने गोंदा थाना में गिफ्ट भेजने के नाम पर नौ लाख से अधिक धोखाधड़ी की प्राथमिकी दर्ज करायी थी. पुलिस को इस केस के आरंभिक अनुसंधान में पता चला है कि महिला से विदेशी ने दोस्ती फेसबुक के जरिये की थी, लेकिन उसने दोस्ती करने के लिए फेकआइडी का इस्तेमाल किया था.
इस केस में भी पुलिस को एक नाइजीरियन पर संदेह है. लालपुर थाना में भी एक महिला चिकित्सक ने धोखाधड़ी का केस पिछले वर्ष दर्ज कराया था. इस केस में भी पुलिस को आरंभिक अनुसंधान में पता चला कि ठगी करनेवाला विदेशी व्यक्ति है. इसमें भी एक नाइजीरियन पर पुलिस को संदेह है. पुलिस दोनों मामलों में गहराई से जांच कर रही है. धोखाधड़ी के आरोपी तक पहुंचने के लिए पुलिस साइबर एक्सपर्ट का सहयोग भी ले रही है.
मुंबई में रह कर चलाते हैं गिरोह
अादित्यपुर निवासी मनोज कुमार ने 21 अगस्त, 2015 को विष्टुपुर थाना में 12 लाख रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में केस दर्ज कराया था. रुपये की ठगी व्यवसाय के नाम पर की गयी थी. पुलिस को अनुसंधान के दौरान तकनीकी शाखा के सहयोग से पता चला कि ठगी का आरोपी जेम्स बेनेट नाइजीरिया का रहनेवाला है, लेकिन वर्तमान में वह मुंबई में रहता है. जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा. जेम्स बेनेट खुद को एक विदेशी व्यवसायिक कंपनी का अधिकारी बताता था. उसने मनोज कुमार को व्यवसाय का ऑफर इमेल के जरिये दिया था और इमेल के जरिये ही चेटिंग कर दोस्ती की थी.
कैसे करें बचाव
-फेसबुक या इमेल पर अपनी निजी जानकारी किसी को न दें
-फेसबुक या इमेल के जिरये किसी अनजान से दोस्ती न करें
-इमले से मिलनेवाले व्यावसायिक वादे को स्वीकार न करें
-फेसबुक या इमेल पर अपनी निजी जानकारी सार्वजनिक न करें

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