12 विधायकों पर भी गंभीर आपराधिक मामले

रांची: राज्य के 12 विधायकों के खिलाफ गंभीर आपराधिक और भ्रष्टाचार के मामले दर्ज हैं. पुलिस पर हमला कर वारंटी को मुक्त कराने के मामले के आरोपी ढ़ुलू महतो के खिलाफ दर्ज मामले को सरकार द्वारा वापस लिये जाने के फैसले के बाद इन 12 विधायकों पर दर्ज मामलों पर भी चर्चा होने लगी है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 4, 2016 1:34 AM
रांची: राज्य के 12 विधायकों के खिलाफ गंभीर आपराधिक और भ्रष्टाचार के मामले दर्ज हैं. पुलिस पर हमला कर वारंटी को मुक्त कराने के मामले के आरोपी ढ़ुलू महतो के खिलाफ दर्ज मामले को सरकार द्वारा वापस लिये जाने के फैसले के बाद इन 12 विधायकों पर दर्ज मामलों पर भी चर्चा होने लगी है. इन विधायकों का करीब चार साल का कार्यकाल बचा हुआ है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या सरकार ढ़ुलू महताे की तरह ही इन 12 विधायकों के बारे में कोई निर्णय ले सकती है. जिन पर मामले दर्ज हैं, उन विधायकों में एनोस एक्का, गणेश गंझू और पौलूस सुरीन पर हत्या के मामले दर्ज हैं.

वहीं विधायक अमित महतो, भानू प्रताप शाही, जगन्नाथ महतो, सीता सोरेन पर रंगदारी और मारपीट का मामला चल रहा है. वहीं विधायक चमरा लिंडा पर दंगा भड़काने का आरोप है. ढुलू महतो पर भी अन्य कई मामले दर्ज हैं. सभी मामलों की सुनवाई अदालत में चल रही है. विधायक संजीव सिंह के खिलाफ भी दो मामलों में अदालत में आरोप पत्र गठित किये जा चुके हैं.
इन विधायकों पर दर्ज हैं मामले
एनोस एक्का (कोलेबिरा)
पारा टीचर की हत्या के मामले में जेल में बंद हैं. उग्रवादी संगठन पीएलएफआइ के साथ संपर्क रखने का मामला भी उन पर दर्ज है.
अमित महतो (सिल्ली)
कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. इन पर चोरी, रंगदारी मांगने, हत्या की कोशिश, पुलिस पर हमला और सरकारी काम में बाधा पहुंचाने का आरोप है.
गणेश गंझू (सिमरिया)
हत्या और हत्या के प्रयास की दो प्राथमिकी दर्ज है. इसके साथ ही गणेश गंझू टीपीसी के सुप्रीमो ब्रजेश गंझू के भाई भी हैं.
संजीव सिंह (झरिया)
दो आपराधिक मामलों में अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है.
गीता कोड़ा (जगन्नाथपुर)
आइटी एक्ट के तहत चार मामले दर्ज हैं. इसके अलावा भ्रष्टाचार को लेकर भी चार मामला दर्ज है.
जगन्नाथ महतो (डुमरी)
पांच आपराधिक मामले दर्ज हैं. सभी मामलों में अदालत द्वारा संज्ञान लिया जा चुका है.
भानू प्रताप शाही (भवनाथपुर)
सरकारी अधिकारी के साथ मारपीट समेत दूसरे आपराधिक मामलों में जेल गये. शाही के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और मनी लाउंड्रिंग के तहत भी मामला दर्ज है.
दीपक बिरुआ (चाईबासा)
चोरी और वन अधिनयम के तहत प्राथमिकी दर्ज है.
पौलूस सुरीन (तोरपा)
हत्या, रंगदारी, अवैध हथियार रखने के कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. पीएलएफआइ से संपर्क रखने का भी आरोप है.
सीता सोरेन (जामा)
भ्रष्टाचार के मामले में जेल गयीं. अपने पूर्व पीए और सरकारी गवाह के साथ मारपीट के मामले में भी आरोपी हैं.
चमरा लिंडा(बिशुनपुर)
दंगा करने, भीड़ के साथ मिल कर हत्या की कोशिश करने के आरोपी हैं.
अरूप चटर्जी (निरसा)
कई आपराधिक मामले दर्ज हैं.

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