बिजली बोर्ड के वित्तीय पुनर्रुद्धार के लिए झारखंड बिजली वितरण निगम लि के एमडी अमित कुमार, राज्य के ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव एसकेजी रहाटे व ऊर्जा मंत्रालय के संयुक्त सचिव एके वर्मा ने एमओयू पर हस्ताक्षर किया. माैके पर मुख्यमंत्री रघुवर दास, मुख्य सचिव एके गौबा, केंद्रीय ऊर्जा सचिव पीके पुजारी, केंद्रीय कोयला सचिव अनिल स्वरूप और नवीन ऊर्जा मंत्रालय के सचिव उपेंद्र त्रिपाठी मौजूद थे. उदय योजना के तहत 30 सितंबर तक बिजली बोर्ड का 75 फीसदी (2015-16) व 50 प्रतिशत (2016-17) कर्ज राज्य सरकार वहन करेगी. इससे राज्य बिजली बोर्ड को सालाना 115 करोड़ रुपये की बचत होगी. राज्य बिजली बोर्ड पर राज्य सरकार का कर्ज 1165 करोड़ रुपये है, जो घट कर 291 करोड़ रुपये हो जायेगा. बाकी कर्ज बिजली बोर्ड बांड जारी कर चुकायेगा. बांड के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से बातचीत चल रही है.
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उपलब्धि: झारखंड बना उदय योजना में शामिल होनेवाला देश का पहला राज्य, 1360 करोड़ का होगा लाभ
नयी दिल्ली/रांची : उज्जवल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना (उदय योजना) को अपनानेवाला झारखंड देश का पहला राज्य बन गया है. केंद्रीय बिजली मंत्रालय, झारखंड सरकार और झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के बीच मंगलवार को नयी दिल्ली के होटल अशोका में एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ. एमओयू से राज्य बिजली वितरण निगम को फायदा होगा. उदय योजना […]
नयी दिल्ली/रांची : उज्जवल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना (उदय योजना) को अपनानेवाला झारखंड देश का पहला राज्य बन गया है. केंद्रीय बिजली मंत्रालय, झारखंड सरकार और झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के बीच मंगलवार को नयी दिल्ली के होटल अशोका में एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ. एमओयू से राज्य बिजली वितरण निगम को फायदा होगा. उदय योजना के तहत राज्य सरकार बिजली बोर्ड के सार्वजनिक उपक्रम की सभी देनदारियां खुद देगा. 30.9.2015 तक डीवीसी, सीआइएल, सीसीएल की बकाया राशि 7431 करोड़ रुपये है. योजना के तहत डीपीएस का 60 फीसदी माफ किया जाना है. यानी वितरण निगम केवल 6050 करोड़ रुपये भुगतान करेगा. राज्य को 1360 करोड़ रुपये की बचत उदय योजना में शामिल होने पर होगी.
बिजली बोर्ड के वित्तीय पुनर्रुद्धार के लिए झारखंड बिजली वितरण निगम लि के एमडी अमित कुमार, राज्य के ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव एसकेजी रहाटे व ऊर्जा मंत्रालय के संयुक्त सचिव एके वर्मा ने एमओयू पर हस्ताक्षर किया. माैके पर मुख्यमंत्री रघुवर दास, मुख्य सचिव एके गौबा, केंद्रीय ऊर्जा सचिव पीके पुजारी, केंद्रीय कोयला सचिव अनिल स्वरूप और नवीन ऊर्जा मंत्रालय के सचिव उपेंद्र त्रिपाठी मौजूद थे. उदय योजना के तहत 30 सितंबर तक बिजली बोर्ड का 75 फीसदी (2015-16) व 50 प्रतिशत (2016-17) कर्ज राज्य सरकार वहन करेगी. इससे राज्य बिजली बोर्ड को सालाना 115 करोड़ रुपये की बचत होगी. राज्य बिजली बोर्ड पर राज्य सरकार का कर्ज 1165 करोड़ रुपये है, जो घट कर 291 करोड़ रुपये हो जायेगा. बाकी कर्ज बिजली बोर्ड बांड जारी कर चुकायेगा. बांड के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से बातचीत चल रही है.
घाटा कम करना होगा : वितरण कंपनी अभी औसतन 12-14 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण प्राप्त कर रही है. उसे राज्य सरकार द्वारा आठ प्रतिशत दर पर ऋण लेने से डेब्ट सर्विसिंग में तत्काल 4-6 प्रतिशत का फायदा होगा. घाटा कम करने के लिए वितरण कंपनी को तय समय सीमा में अपनी क्षमता में सुधार करना होगा, ताकि दोबारा हानि न हो सके. निगम को 2019 तक एटीएंडसी लॉस को 15 फीसदी तक लाना होगा. अभी एटीएंडसी लॉस 40 प्रतिशत के करीब है. वहीं बिजली आपूर्ति व बिल की वसूली के बीच गैप को 2018-19 तक एक समान करना है.
उदय योजना से झारखंड को 5300 करोड़ का फायदा होगा और बिजली वितरण के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आयेगा.
मुख्य सचिव एके गौबा, मुख्य सचिव
उदय योजना बिजली वितरण के क्षेत्र में व्यापक बदलाव लाने में सफल होगा और यह सभी पक्षों के फायदे पहुंचानेवाली योजना है. अभी तक 16 राज्यों ने इसमें शामिल होने पर सहमति जाहिर की है.
अनिल स्वरूप, केंद्रीय ऊर्जा सचिव
ऐतिहासिक समझौता : रघुवर
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि बिजली क्षेत्र में सुधार के लिए यह एेतिहासिक समझौता है. इससे झारखंड के 2200 गांवों में बिजली पहुंचाने में मदद मिलेगी. प्रधानमंत्री का 2019 तक देश के सभी घरों में 24 घंटे अबाध बिजली पहुंचाने का सपना पूरा होगा. राज्य सरकार ऐसे 434 गांव, जो पहाड़ों पर स्थित हैं, उन्हें सौर ऊर्जा के जरिये जोड़ने पर विचार कर रही है. सीएम ने जलवायु परिवर्तन पर चर्चा करते हुए कहा कि दो डिग्री तापमान कम करने की दिशा में झारखंड कदम उठा रहा है.
राज्य में इस वित्तीय वर्ष में 1220 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन होने लगेगा. उन्होंने कहा कि राज्य में नक्सलवाद समाप्ति की ओर है. विकास में किसी को बाधा नहीं बनने दिया जायेगा. उद्योग लगाने के लिए राज्य में 2100 लाख हेक्टेयर भूमि उपलब्ध है.
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