मेडिकल कचरे का निष्पादन सुनिश्चित करें : कोर्ट
रांची : हाइकोर्ट ने बुधवार को बायो मेडिकल कचरे के उचित निष्पादन को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि यह कचरा बेहद खतरनाक है. इसका उठाव आैर निष्पादन नियमित तरीके से होते रहना चाहिए. इसके लिए अस्पतालों से शुल्क लिया जाये. जो मेडिकल संस्थान शुल्क नहीं देते हैं, उन्हें बंद कर […]
रांची : हाइकोर्ट ने बुधवार को बायो मेडिकल कचरे के उचित निष्पादन को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि यह कचरा बेहद खतरनाक है. इसका उठाव आैर निष्पादन नियमित तरीके से होते रहना चाहिए.
इसके लिए अस्पतालों से शुल्क लिया जाये. जो मेडिकल संस्थान शुल्क नहीं देते हैं, उन्हें बंद कर दिया जाये. यह प्रक्रिया लगातार जारी रहे. इसमें किसी प्रकार की कोई रुकावट नहीं होनी चाहिए. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ में हुई. खंडपीठ ने राज्य सरकार को स्टेटस रिपोर्ट देने का निर्देश दिया. मामले की सुनवाई चार सप्ताह के लिए स्थगित कर दी.
इससे पूर्व राज्य सरकार की अोर से खंडपीठ को बताया गया कि अस्पतालों से कचरे का उठाव व उसे झीरी तक पहुंचाने के लिए टेंडर निकाला गया था, लेकिन कोई निविदा नहीं आयी. रिम्स ने कचरे के उठाव की इच्छा जतायी है. वह तैयार है.
मालूम हो कि प्रार्थी झारखंड ह्यूमन राइट्स कांफ्रेंस की अोर से जनहित याचिका दायर की गयी है. प्रार्थी ने रांची, जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो में मेडिकल कचरे के उचित निष्पादन के लिए सरकार को आवश्यक निर्देश देने का आग्रह किया है.