हत्या के जुर्म में सजायाफ्ता इंजीनियर होगा बरखास्त
रांची : सरकार ने हत्या के जुर्म में उम्र कैद की सजा पाये इंजीनियर नवल प्रसाद को बरखास्त करने का फैसला किया है. उसकी बरखास्तगी से संबंधित प्रस्ताव झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) को भेज दिया गया है. जल संसाधन विभाग के इस इंजीनियर को मुंगेर के फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सुरेंद्र कुमार की हत्या […]
सुनवाई के दौरान इंजीनियर ने घटना के दिन खुद को ड्यूटी पर बताया था. 22 दिसंबर 2003 को सजा सुनाये जाने के बाद उसे जेल भेज दिया गया था. हाइकोर्ट ने भी निचली अदालत के फैसले को सही करार देते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा भुगतने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने 20 सितंबर 2013 को उसे जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया. इसके बाद वह भागलपुर जेल से जमानत पर बाहर आया और लघु सिंचाई प्रमंडल डालटनगंज में अपने पद पर योगदान कर लिया.
हत्या के आरोप में 10 साल तक जेल में रहने की जानकारी सरकार को नहीं मिलने की वजह से उसे निलंबित भी नहीं किया जा सका था. जमानत पर रिहा हो कर अपने पद पर योगदान देने का बाद सरकार को इसकी जानकारी मिली. लगातार 10 साल तक ड्यूटी से गायब होने की जानकारी डालटनगंज प्रमंडल के कार्यपालक या अधीक्षण अभियंता ने सरकार को नहीं दी थी. सरकार ने अब इस इंजीनियर को बरखास्त करने का फैसला किया है. साथ ही उसकी बरखास्तगी के प्रस्ताव पर जेपीएससी से सहमति मांगी है. आयोग की सहमति के बाद बरखास्तगी से संबंधित आदेश जारी किया जायेगा.