1000 करोड़ की ग्रामीण सड़कों के टेंडर को निबटाने में लगे हैं, छह सहायक अभियंता तबादले के बाद भी नहीं छोड़ रहे पद
रांची : ग्रामीण कार्य विभाग के छह सहायक अभियंता तबादले के बाद भी अपना पद नहीं छोड़ रहे हैं. वे नये जगह पर जाना नहीं चाह रहे हैं. मुख्य अभियंता कार्यालय में ही बने हुए हैं. इनका तबादला दिसंबर माह में ही हो गया था. इनमें से उमेश कुमार का तो सितंबर में ही तबादला […]
रांची : ग्रामीण कार्य विभाग के छह सहायक अभियंता तबादले के बाद भी अपना पद नहीं छोड़ रहे हैं. वे नये जगह पर जाना नहीं चाह रहे हैं. मुख्य अभियंता कार्यालय में ही बने हुए हैं. इनका तबादला दिसंबर माह में ही हो गया था. इनमें से उमेश कुमार का तो सितंबर में ही तबादला हो गया है, लेकिन उन्होंने भी पद नहीं छोड़ा है, ना ही इन्हें विरमित किया जा रहा है. विभाग ने भी इन्हें विरमित करने के बजाये टेंडर निष्पादन के लिए छोड़ दिया है. नतीजन सारे अभियंता टेंडर निष्पादन में दिन-रात लगे हुए हैं. इनके पास ठेकेदारों की भीड़ लग रही है.
जानकारी के मुताबिक, विभाग ने 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा का टेंडर निकाला है. इसी टेंडर को तेजी से निबटाने में सभी अपनी ऊर्जा लगा रहे हैं. यही वजह है कि वे पद नहीं छोड़ रहे हैं.
जो बदले गये थे
दिसंबर में सहायक अभियंता अशोक कुमार, दिलीप कुमार, हसन तौहिद, राजेश कुमार व सलभ कुमार का तबादला अलग-अलग जगहों पर हो गया है. तबादले के बाद इन्हें अपना पद छोड़ कर स्थानांतरित जगह पर योगदान दे देना चाहिए था. वहीं उनके पद नहीं छोड़ने पर विभागीय स्तर पर भी पहल होनी चाहिए थी.
उमेश कुमार चर्चा में सबसे ऊपर
सहायक अभियंता उमेश कुमार चर्चा में सबसे ऊपर हैं. वह मुख्य अभियंता कार्यालय से दूर नहीं होते हैं. हमेशा मुख्य अभियंता कार्यालय में ही रहते हैं. यह स्थिति करीब आठ-10 वर्षों से है. बीच में थोड़े समय के लिए इधर-उधर गये, लेकिन फिर मुख्य अभियंता कार्यालय पहुंच गये. उमेश कुमार का तबादला तो सितंबर में ही पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन में हो गया था, लेकिन आज भी वह यहीं जमे हैं.