एनएच 33. रांची-टाटा रोड का निर्माण अधर में, मधुकॉम के कारण सरकार को क्षति

रांची : रांची – टाटा रोड का काम करनेवाली कंपनी मधुकॉम के कारण राज्य सरकार को बड़ी क्षति हो रही है. कंपनी ने समय से अपना प्रोजेक्ट पूरा नहीं किया, इसका नुकसान यह हुआ कि रिंग रोड फेज वन व टू भी लटका रह गया. चूंकि सरकार ने रिंग रोड फेज वन व टू को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 10, 2016 2:02 AM
रांची : रांची – टाटा रोड का काम करनेवाली कंपनी मधुकॉम के कारण राज्य सरकार को बड़ी क्षति हो रही है. कंपनी ने समय से अपना प्रोजेक्ट पूरा नहीं किया, इसका नुकसान यह हुआ कि रिंग रोड फेज वन व टू भी लटका रह गया. चूंकि सरकार ने रिंग रोड फेज वन व टू को रांची-जमशेदपुर-महुलिया प्रोजेक्ट में शामिल करा दिया था, ऐसे में सरकार फेज वन व टू पर काम नहीं करा सकी और आज भी विकास से लेकर रामपुर तक की सड़क लटकी रह गयी. विभागीय अभियंता कहते हैं कि रिंग रोड फेज थ्री, फोर, फाइव व सिक्स का काम पूरा हो गया. सात पर काम लगा है. वन व टू को एनएचएआइ के हैंडअोवर कर दिया गया है. नतीजन इसका काम कब पूरा होगा, यह स्पष्ट नहीं है.
बनाना था कंपनी को, बना रही सरकार : कंपनी को विकास से लेकर जमशेदपुर-महुलिया तक का काम मिला है. चूंकि विकास से बूटी मोड़, कांटाटोली, नामकुम, रामपुर इसी योजना का हिस्सा है. ऐसे में जब तक कंपनी विकास से महुलिया तक नयी सड़क बना कर नहीं देती है, तब तक उसे इसके हिस्से को चलने लायक बना कर रखना है. यानी इस पार्ट का मेंटेनेंस उसे ही करना है. पर कंपनी को बार-बार कहने के बाद भी विकास से लेकर कांटाटोली-नामकुम-रामपुर तक की सड़क का मेंटेनेंस नहीं किया जा रहा है. ऐसे में बूटी मोड़ से कांटाटोली चौक तक की सड़क चलने लायक नहीं रह गयी थी. मजबूरन सरकार को एक बार सवा करोड़ की लागत से इसे दुरुस्त कराना पड़ा. फिर सड़क की दशा खराब हो गयी, तो इस बार एक करोड़ की लागत से इसे बनाया जा रहा है.
तकनीकी कारणों से फंसा निर्माण
वहीं बूटी मोड़ से विकास व कांटाटोली से नामकुम होते हुए रामपुर तक की सड़क का निर्माण भगवान भरोसे है. सड़क के इस हिस्से की काफी खराब हो गयी है. न एनएचएआइ और न ही राज्य सरकार, इसे नहीं बना रही है. यह तकनीकी कारणों से फंसा हुआ है. राज्य सरकार के अभियंता कहते हैं कि यह रांची-टाटा मार्ग का हिस्सा है. इसे मधुकॉम को ही फिलहाल ठीक कराना चाहिए. ऐसे में सरकार इस पर काम नहीं कर रही है. नतीजन अभी दो साल तक और यह सड़क ऐसे ही खराब पड़ी रहेगी.
मुख्यमंत्री को पहुंचना पड़ा था हाल देखने
जब कांटाटोली से बूटी मोड़ तक सड़क चलने लायक नहीं थी, तो खुद मुख्यमंत्री रघुवर दास को स्थिति देखने पहुंचना पड़ा था. वह सड़क पर गये और वहीं से अधिकारियों व अभियंताअों को सड़क बनाने का आदेश दिया. इसके बाद सड़क बनी है.

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