छठी JPSC मामला: सुप्रीम कोर्ट ने नौकरी कर रहे अफसरों को दी बड़ी राहत, सरकार व आयोग को दिया ये आदेश
छठी जेपीएससी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बहाल रखने का निर्देश दिया है, साथ ही साथ सरकार और आयोग को नोटिस जारी कर उपस्थित रहने का आदेश दिया. मामले की अगली सुनवाई 31 मार्च को होगी
रांची : सुप्रीम कोर्ट ने छठी जेपीएससी मामले में झारखंड हाइकोर्ट के आदेश को चुनौती देनेवाली स्पेशल लीव पिटिशन (एसएलपी) पर सोमवार को सुनवाई करते हुए यथास्थिति बहाल रखने का निर्देश दिया. साथ ही राज्य सरकार व जेपीएससी को नोटिस जारी कर उपस्थित होने का निर्देश दिया.
मामले की सुनवाई जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस अभय एस ओका की खंडपीठ में हुई. खंडपीठ ने सभी पक्षों को माैखिक रूप से निर्देश दिया कि जो भी कहना है, उसे लिखित रूप में अगली सुनवाई के पूर्व दायर कर दिया जाये. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 31 मार्च को दिन के दो बजे का समय निर्धारित किया.
इससे पूर्व प्रार्थियों की अोर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता पीएस पटवालिया, वरीय अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी, वरीय अधिवक्ता वी मोहना, वरीय अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने दलील पेश करते हुए रिजल्ट व अनुशंसा को विज्ञापन के अनुरूप सही बताया. उन्होंने हाइकोर्ट के आदेश को गलत बताते हुए अंतरिम आदेश देने का आग्रह किया.
कपिल सिब्बल ने रखा पक्ष वहीं कैवियेटर की अोर से वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल, अधिवक्ता अमृतांश वत्स, अधिवक्ता विज्ञान शाह, अधिवक्ता शुभाशीष रसिक सोरेन ने पक्ष रखा. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी प्लानिंग सर्विस के फैजान सरवर, प्रार्थी बरुण कुमार व अन्य की ओर से अलग-अलग एसएलपी दायर की गयी है. प्रार्थियों ने झारखंड हाइकोर्ट के 23 फरवरी 2022 के फैसले को चुनौती दी है.
Posted By: Sameer Oraon